mamta banerjee on teachers rally
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ममता बनर्जी ने कहा कि जिन शिक्षकों की नौकरी गई है, वो अपना काम जारी रखें

'जेल जाना मंजूर,नौकरी नहीं जाने दूंगी' ममता बनर्जी को क्यों कहना पड़ा?

पश्चिम बंगाल में करीब 26 हजार शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियाँ हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द कर दी गई थीं। सोमवार को सीएम उनसे मिलीं।


​पश्चिम बंगाल में 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नौकरियां रद्द होने का मुद्दा तूल पकड़ गया है। बीजेपी ने सोमवार को कोलकाता में ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ प्रोटेस्ट मार्च किया। बीजेपी नेता और नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने तो ममता बनर्जी पर तीखे हमले किए।

विरोध प्रदर्शन के दौरान सुवेंदु अधिकारी ने शिक्षकों की नियुक्ति रद्द होने की जिम्मेदार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ठहराया और उनके इस्तीफे की मांग उठाई। बीजेपी ने सोमवार को ये विरोध प्रदर्शन ऐसे वक्त में किया, जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों से नेताजी इंडोर स्टेडियम में बैठक कर रही थीं।

ममता बनर्जी ने क्या कहा?

इस बैठक में बड़ी तादाद में वो शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारी पहुंचे थे, जिनकी नौकरी हाल में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पास गई। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को संबोधित करते हुए इन कर्मचारियों से अपने-अपने स्कूलों में काम जारी रखने का आग्रह किया।

ममता बनर्जी ने कहा, " सरकार ने आपको नौकरी समाप्ति का कोई पत्र नहीं भेजा है।" ​

ममता बनर्जी ने कहा, "हमने सीबीआई से कहा कि वे यह पता लगाएं कि कौन से उम्मीदवार योग्य हैं और कौन नहीं। यदि वे सरकार को सूची प्रदान कर सकते हैं, तो स्कूल सेवा आयोग इसे स्वीकार करेगा। हमने नौकरियाँ प्रदान कीं। हमारी सरकार ने नौकरियाँ दीं। गलतियाँ हो सकती हैं। उन्होंने प्रशासन को गलतियों को सुधारने का समय नहीं दिया।" ​

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि सरकार सर्वोच्च न्यायालय से इस फैसले पर स्पष्टीकरण मांगेगी, जिसमें शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियाँ रद्द की गई थीं। उन्होंने कहा, "हम एससी से स्पष्टीकरण मांगेंगे। जो अब काम कर रहे हैं, हम अदालत से पूछेंगे कि वे क्या करेंगे।"

ममता बनर्जी ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने नई नियुक्तियों के लिए कहा है। लेकिन, जो लोग पढ़ा रहे थे, उनके लिए क्या स्पष्टीकरण है कि स्कूलों को कौन चलाएगा, काम कौन करेगा? जो लोग नौकरियाँ नहीं दे सकते, उन्हें नौकरियाँ नहीं छीननी चाहिए।" ​

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था?

सुप्रीम कोर्ट की एक खंडपीठ ने पिछले सप्ताह 2024 के कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें स्कूल सेवा आयोग के माध्यम से नियुक्त 25,753 उम्मीदवारों की नियुक्तियाँ रद्द कर दी गई थीं, और इस प्रक्रिया को "दूषित" कहा गया था। ​

मुख्यमंत्री ने प्रभावित कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि सरकार उनके हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी और उन्हें धैर्य रखने की सलाह दी। ममता बनर्जी ने कहा कि उन्हें जेल भी जाना पड़े तो परवाह नहीं है।

उन्होंने कहा, "हमारे पास योजनाएँ ए, बी, सी, डी, ई तैयार हैं। यदि वे आपके खिलाफ भ्रष्टाचार साबित नहीं कर पाए हैं, तो आपको पढ़ाने से कोई नहीं रोक सकता।" ​

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