मणिपुर को किसकी लगी नजर, आखिर क्यों नहीं रुक रही हिंसा?
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मणिपुर को किसकी लगी नजर, आखिर क्यों नहीं रुक रही हिंसा?

मणिपुर में सीएम के बंगले में लगी आग के पीछे कौन जिम्मेदार है. इस मामले में सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि साजिश की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता


Manipur Violence: इंफाल में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के सरकारी बंगले के पास मणिपुर सचिवालय परिसर की एक इमारत में भीषण आग लग गई.आग बुझाने के लिए कम से कम चार दमकल गाड़ियों को लगाया गया. एक अधिकारी ने बताया कि आग लगने का कारण अभी पता नहीं चल पाया है. आगजनी की आशंका से इनकार नहीं किया जा रहा है. यह बिल्डिंग कुकी इनपी के कार्यालय के नजदीक है, जो कुकी जनजातियों का एक नागरिक समाज समूह है, जो एक वर्ष से अधिक समय से मैतेई समुदाय के साथ जातीय और क्षेत्रीय संघर्ष में लिप्त है. बता दें कि अभी हाल ही में जिरिबाम इलाके में सीएम एन बीरेन सिंह के काफिले पर भी हमला हुआ था. उस हमले को सीएम खुद शर्मनाक बताते हैं.

इस मामले में सियासत भी जारी

अभी हाल ही में संघ प्रमुख ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि पिछले एक साल से मणिपुर जल रहा है. अब वहां के बारे में सोचने की जरूरत है. इस बयान के बाद विपक्ष ने निशाना भी साधा था. लेकिन मणिपुर में हिंसा के पीछे की वजह क्या है, उसे समझने की भी आवश्यकता है. कांग्रेस का कहना है कि पीएम मोदी घड़ियाली आंसू बहाना कब बंद करेंगे. हकीकत में वो बात तो सर्वसमाज की करते हैं लेकिन जमीन पर कुकी लोगों के साथ किस तरह से राज्य प्रायोजित हिंसा पर आंख बंद कर बैठे हुये हैं.

क्या है विवाद की वजह
दरअसल मणिपुर में मैतेई और कुकी दो समाज है. विवाद की जड़ वहां से शुरू होती है जब मैतेई को एसटी में शामिल करने के लिए मणिपुर हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया. कुकी समाज का मानना है कि संख्या में कम और साधन संपन्न मैतेई समाज को और ताकत मिलेगी और उसकी वजह से कूकी समाज का नुकसान होगा. इसके विरोध में चुडा़ चंद्रपुर में कुकी समाज की तरफ से हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ और उसका असर इंफाल से लगे इलाकों में दिखा. कुकी आदिवासियों का आरोप है कि राज्य सरकार की सह पर मैतेई समाज ने जोर जुल्म किया. जानकार कहते हैं कि मैतेई समाज इंफाल के अगल बगल वाले इलाकों में रहता है और अब बढ़ती जनसंख्या की वजह से संसाधनों में कमी हो रही है. मैतेई को एसटी समाज में दाखिल करने का अर्थ यह है कि वो धीरे धीरे इंफाल के बाहरी इलाकों में घर, जमीन खरीद सकेंगे. ऐसी सूरत में आर्थिक तौर पर कमजोर कुकी और कमजोर हो जाएंगे.

जानकारों के मुताबिक जिस तरह के हालात मणिपुर में बने हुए हैं उसके लिए आप मौजूदा सरकार को जिम्मेदार मान सकते हैं. मणिपुर में कुकी समाज से जुड़े लोगों का स्पष्ट मानना है कि राज्य सरकार कहीं न कहीं मैतेई समाज को शह दे रही है और उसके पीछे वो एन बीरेन सिंह का खुद मैतेई समाज होना बताते हैं. कुकी लोग अपने आरोप में कहते हैं कि राज्य में केंद्रीय बलों की मौजूदगी होने के बाद भी इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं. अब ऐसी सूरत में आप किसे जिम्मेदार कहेंगे.

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