मणिपुर शांति समझौता: कुकी-जो समूहों के साथ केंद्र की नई डील
x

मणिपुर शांति समझौता: कुकी-जो समूहों के साथ केंद्र की नई डील

Kuki Zo Agreement: यह समझौता मणिपुर में दीर्घकालिक शांति बहाली और सामाजिक स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. पीएम मोदी की आगामी यात्रा से पहले इसे राज्य में विश्वास बहाली का संकेत माना जा रहा है.


Click the Play button to hear this message in audio format

Manipur Violence: मणिपुर में लंबे समय से चल रही जातीय हिंसा के बीच केंद्र सरकार और मणिपुर सरकार ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. यह समझौता कुकी-जो (Kuki-Zo) समूहों के साथ किया गया है, जिसका मकसद राज्य की क्षेत्रीय अखंडता को दोबारा सुनिश्चित करना है. यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संभावित मणिपुर यात्रा से पहले की गई है, जो कि मई 2023 में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच हुई हिंसा के बाद उनकी पहली यात्रा होगी.

शांति बहाली में सहयोग का वादा

यह समझौता आज नई दिल्ली में हुई वार्ता के दौरान हुआ, जिसमें एक मुख्य बिंदु नेशनल हाईवे-2 को फिर से खोलना शामिल है. इस राजमार्ग को फिर से चालू करने से यात्रियों और आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आवाजाही संभव हो सकेगी. कुकी-जो काउंसिल (KZC) ने इस महत्वपूर्ण मार्ग पर शांति बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों के साथ सहयोग करने का संकल्प लिया है. यह निर्णय गृह मंत्रालय और KZC प्रतिनिधियों के बीच कई दौर की बैठकों के बाद लिया गया है.

मई 2023 से जारी है जातीय संघर्ष

मणिपुर में जातीय हिंसा की शुरुआत मई 2023 में तब हुई थी, जब मणिपुर हाई कोर्ट ने तत्कालीन बीरन सिंह सरकार को मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने पर विचार करने का निर्देश दिया था. इसके विरोध में पहाड़ी क्षेत्रों के आदिवासी समुदायों ने आंदोलन शुरू कर दिया था, जिससे कुकी और मैतेई समुदायों के बीच हिंसक झड़पें हुईं. अब तक इस हिंसा में लगभग 260 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें कुकी और मैतेई समुदायों के सदस्य ही नहीं बल्कि सुरक्षा बलों के जवान भी शामिल हैं. हालांकि, पिछले कुछ महीनों में राज्य में स्थिति कुछ हद तक शांतिपूर्ण रही है.

नए ग्राउंड रूल्स लागू

इसके अतिरिक्त सरकार ने त्रिपक्षीय "Suspension of Operations (SoO)" समझौते को भी आज पुनः संशोधित किया है. इस संशोधित समझौते में पुनः तय किए गए ग्राउंड रूल्स शामिल हैं, जो तत्काल प्रभाव से एक वर्ष तक लागू रहेंगे. इन शर्तों में मणिपुर की सीमाओं की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है.

हथियारों की निगरानी के निर्देश

कुकी नेशनल ऑर्गेनाइजेशन (KNO) और यूनाइटेड पीपल्स फ्रंट (UPF) ने अपने सात कैंपों को हिंसा संभावित क्षेत्रों से हटाने पर सहमति जताई है. इससे संभावित तनाव को कम करने और शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी.

समझौते के अन्य महत्वपूर्ण प्रावधान:-

- निर्धारित कैंपों की संख्या घटाई जाएगी.

- सभी हथियार नजदीकी CRPF या BSF कैंपों में स्थानांतरित किए जाएंगे.

- समूहों के सभी सदस्यों का सख्त शारीरिक सत्यापन किया जाएगा, ताकि विदेशी नागरिकों की पहचान कर उन्हें बाहर किया जा सके.

जॉइंट मॉनिटरिंग ग्रुप रखेगा नियमों पर नजर

इन संशोधित नियमों के सख्त अनुपालन की निगरानी के लिए एक "Joint Monitoring Group"** का गठन किया जाएगा. किसी भी उल्लंघन की स्थिति में SoO समझौते की समीक्षा की जा सकती है और कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

Read More
Next Story