
विग्नेश पुथुर के 'चाइनामैन' बनने के पीछे मौलवी का अहम रोल! जानिए पूरी कहानी
मोहम्मद शरीफ ने विग्नेश पुथुर को एक “चाइनामैन गेंदबाज़” के रूप में उभरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने अपने शुरुआती वर्षों में उनकी प्रतिभा में अटूट विश्वास के साथ उनका मार्गदर्शन किया.
मलप्पुरम के कूट्टकल स्थित जुमा मस्जिद के एक युवा मौलवी मोहम्मद शरीफ का नाम इस समय मलयालम मीडिया में सुर्खियों में है.लेकिन यह चर्चा उनके धार्मिक उपदेशों से नहीं, बल्कि क्रिकेट से जुड़ी है.जी हां, आपने सही सुना—शरीफ का नाम अब आईपीएल में अपने शानदार डेब्यू से चर्चा में आए युवा खिलाड़ी विग्नेश पुथुर के साथ जुड़ा हुआ है.
मार्गदर्शक की भूमिका
मुंबई इंडियंस के युवा खिलाड़ी विग्नेश पुथुर ने 23 मार्च को चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ आईपीएल में जब अपनी हैट्रिक पूरी की तो सभी की नजरें उस पर थीं.हालांकि, उस दिन शरीफ इस मैच को देखने के लिए उपस्थित नहीं थे. रमजान के महीने में शरीफ अपने धार्मिक कर्तव्यों में व्यस्त हैं. शरीफ का रूप पारंपरिक मुस्लिम धार्मिक नेता जैसा है, सफेद चादर और टोपी में वह किसी भी खेल के क्षेत्र से जुड़े हुए नहीं लगते. लेकिन असल में, वह वही व्यक्ति हैं, जिन्होंने विग्नेश की क्रिकेट यात्रा की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. शरीफ ने उसे एक "चिनामन गेंदबाज" (लेफ्ट-आर्म स्पिनर) बनाने में मदद की और आज वह आईपीएल की चमकदार दुनिया में कदम रख चुका है.
पहली नजर में पहचान
शरीफ, जो खुद एक वक्त में मलप्पुरम के अंडर-19 टीम के क्रिकेटर रह चुके हैं, वह पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने विग्नेश की क्रिकेट में छुपी हुई प्रतिभा को पहचाना और उसे सही मार्गदर्शन दिया. विग्नेश के माता-पिता सुनील कुमार (ऑटो-रिक्शा चालक) और केपी बिंदू (गृहिणी), ने भी अपने बेटे को क्रिकेट के प्रति उत्साहित किया था. शरीफ ने विग्नेश के परिवार के पास रहते हुए उसे करीब से देखा और समझा कि इसमें क्रिकेट का बड़ा हुनर छिपा हुआ है.
अंतरराष्ट्रीय मंच
शरीफ और उनके दोस्त अक्सर विग्नेश के घर के पास क्रिकेट खेलते थे. एक दिन शरीफ ने विग्नेश से कहा कि तुममें एक खास तकनीक है, जो हम सबके पास नहीं. विग्नेश ने बिना किसी औपचारिक प्रशिक्षण के क्रिकेट की तकनीक में महारत हासिल की, जिसे देखते हुए शरीफ ने उसे सही दिशा दी. उन्होंने विग्नेश को एक नई गेंदबाजी तकनीक, बाएं हाथ से कलाई की स्पिन अपनाने की सलाह दी, जो एक दुर्लभ और प्रभावशाली कौशल था. विग्नेश ने इसे तुरंत सीखा और इसके बाद शरीफ ने उसे मलप्पुरम जिला क्रिकेट अकादमी में भेजा, जहां उसने कोच विजयकुमार से क्रिकेट की गंभीर ट्रेनिंग ली.
कड़ी मेहनत और सफलता
विग्नेश ने अपनी क्षमता साबित की और केरल क्रिकेट लीग में एलेप्पी रिपल्स के लिए शानदार प्रदर्शन किया. उसकी गेंदबाजी ने आईपीएल के स्काउट्स का ध्यान खींचा और उसे 2025 आईपीएल नीलामी में मुंबई इंडियंस ने 30 लाख रुपये में खरीदा. जब उसे आईपीएल में खेलने का मौका मिला तो उसने अपनी गेंदबाजी से सबको प्रभावित किया. उसने सीएसके के खिलाफ अपने पहले ओवर में रुतुराज गायकवाड, शिवम दुबे और दीपक हुड्डा को आउट किया. भले ही सीएसके ने मैच जीत लिया, विग्नेश की गेंदबाजी ने उसे "बेस्ट बॉलर" का अवार्ड दिलवाया.
मेंटर की भूमिका
हालांकि, शरीफ अब सक्रिय रूप से क्रिकेट कोचिंग नहीं दे रहे, फिर भी उनकी भूमिका विग्नेश की सफलता में महत्वपूर्ण रही है. विग्नेश के माता-पिता ने भी इस बात को माना है कि शरीफ ने उन्हें सही मार्गदर्शन दिया. शरीफ कहते हैं कि मैं उसकी सफलता का श्रेय नहीं लेता. विग्नेश की मेहनत और टैलेंट ने उसे यहां तक पहुंचाया है.
भविष्य की ओर बढ़ते कदम
विग्नेश की यात्रा अभी भी जारी है और मुंबई इंडियंस के आगामी मैचों में उसकी प्रतिभा और चमकेगी. वहीं, शरीफ ईद के मौके पर अपने परिवार के साथ खुशियां मनाएंगे और विग्नेश की सफलता पर गर्व महसूस करेंगे. यह कहानी सिर्फ एक क्रिकेटर की सफलता की नहीं, बल्कि एक सच्चे मेंटर की भी है, जिसने बिना किसी बदौलत और चुपचाप मदद करके एक युवा को क्रिकेट के सपनों को साकार करने में मदद की. आईपीएल 2025 में विग्नेश की यात्रा अब और भी दिलचस्प होनी वाली है.