कांशी राम को भारत रत्न से BJP के दलित प्रेम का टेस्ट, मायावती ने की मांग
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कांशी राम को भारत रत्न से BJP के दलित प्रेम का टेस्ट, मायावती ने की मांग

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि दलित समाज के मुद्दे पर बीजेपी भरमाने का काम ना करे। या तो वो कांशीराम को भारत रत्न दे या फिर दलित हितैषी होने का राग ना अलापे।


Kanshi Ram Bharat Ratna News: बसपा प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को भाजपा के एक सांसद द्वारा कांशीराम को भारत रत्न दिए जाने की मांग पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र में सत्ता में बैठी भगवा पार्टी को या तो बसपा संस्थापक को सर्वोच्च नागरिक सम्मान देना चाहिए या फिर दलितों को गुमराह करना बंद करना चाहिए। शाहजहांपुर से भाजपा सांसद अरुण कुमार सागर ने गुरुवार को लोकसभा में मांग की कि कांशीराम को भारत रत्न दिया जाना चाहिए। सागर ने कांशीराम को 'बहुजन नायक' बताते हुए कहा कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के संस्थापक एक महान राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे, जिन्होंने अपना पूरा जीवन दलितों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया।

मायावती ने की मांग
मायावती ने एक्स पर हिंदी में लिखे एक पोस्ट में कहा कि अगर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार कांशीराम को भारत रत्न देती है, तो पार्टी इसका तहे दिल से स्वागत करेगी। उन्होंने कहा, "यूपी से भाजपा के दलित सांसद द्वारा बसपा संस्थापक श्री कांशीराम जी के लिए भारत रत्न की मांग करने के बजाय, (भाजपा को) तुरंत ऐसा करवाना चाहिए, क्योंकि केंद्र में उनकी सरकार है और बसपा इसका तहे दिल से स्वागत करेगी। अन्यथा (भाजपा को) दलितों को गुमराह करना बंद कर देना चाहिए।" मायावती ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्रीय बजट में उत्तर प्रदेश जैसे गरीब और पिछड़े राज्य पर उचित ध्यान नहीं दिया गया, जिसकी आबादी बहुत अधिक है।

कम से कम बीजेपी गुमराह ना करे

उन्होंने कहा कि संसद में एनडीए सरकार द्वारा पेश किए गए बजट में राष्ट्रीय और सार्वजनिक हितों के बजाय राजनीतिक लाभ के लिए पक्षपातपूर्ण तरीके से आवंटन किया गया।" हालांकि, केंद्र द्वारा कुछ राज्यों के साथ ऐसा "सौतेला व्यवहार" कोई नई बात नहीं है, क्योंकि उत्तर प्रदेश में सत्ता में रहने के दौरान बसपा सरकार को भी इसका सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा, "गैर-भाजपा शासित राज्य बजट से नाखुश हैं और उन्होंने इस संबंध में नीति आयोग की बैठक में भाग नहीं लेने का फैसला किया है। यूपी जैसे गरीब और पिछड़े राज्य पर उचित ध्यान न देना कितना उचित है? उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘केंद्र के लिए देश और जनहित को सर्वोपरि रखना बहुत महत्वपूर्ण है।’

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