MCD में एल्डरमैन,कानूनी लड़ाई में AAP पर LG भारी, सियासी गुणा-गणित समझिए
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि दिल्ली के एलजी को एमसीडी में एल्डरमैन नियुक्त करने का अधिकार है।
MCD Alder Man Appointment: 2022 के दिसंबर महीने में आप आदमी पार्टी ने एमसीडी में बीजेपी के 15 साल के राज को खत्म कर दिया था। कुल 250 वार्ड के लिए चुनाव हुए थे। आम आदमी पार्टी को 134 सीट और बीजेपी को 104 सीट पर जीत मिली थी. संख्या बल से साफ था कि मेयर आम आदमी पार्टी का ही होगा। हालांकि इसे लेकर राजनीतिक तौर पर (खासतौर से एल्डरमैन के मुद्दे पर) बखेड़ा हुआ। इन सबके बीच सुप्रीम कोर्ट को दखल देना पड़ा और 22 फरवरी को मेयर और उप मेयर के लिए चुनाव हुआ। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि एल्डरमैन मतदान नहीं कर सकेंगे। आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को लेकर सु्प्रीम कोर्ट गई थी और एलजी द्वारा नियुक्त किए गए 10 एल्डरमैन की नियुक्ति पर सवाल उठाए थे।
दोनों पक्षों की क्या थी दलील
आम आदमी पार्टी की दलील थी कि एलजी ने बिना सरकार के सलाह एल्डरमैन की नियुक्ति की है। हालांकि एलजी ने संविधान के अनुच्छेद 239 एए का हवाला देते हुए कहा कि उनके पास अधिकार है। दिल्ली सरकार का अदालत में तर्क था कि एल्डरमैव को नामित करने के लिए एलजी के पास अलग से कोई अधिकार नहीं है। पिछले 30 साल से सरकार की सलाह पर ही एलजी फैसला लेते रहे हैं। लेकिन एलजी के वकील की दलील थी कि पिछले 30 साल से जो व्यवस्था चल रही है उसका मतलब यह नहीं कि वो 100 फीसद दुरुस्त हो और उसमें बदलाव नहीं हो सकता है।
क्या है एक्सपर्ट कमेंट
इसमें दो मत नहीं कि आम आदमी पार्टी एमसीडी में बहुमत में नहीं है। आप के पास कुल 134 पार्षद हैं जो हाफ मार्क से 8 अधिक हैं। सवाल यहां जोन का है। आम आदमी पार्टी सेंट्रल, सिविल लाइन और नरेला जोन में कमजोर है। लेकिन वहां पर बीजेपी मजबूत है। आप का आरोप था कि जिन 10 एल्डरमैन की नियुक्ति की गई है वो बीजेपी से हैं और उसका राजनीतिक अर्थ है। बता दें कि इन जोन में अब वार्ड समिति और जोन चेयरमैन के चुनाव में एल्डरमैन की भूमिका बढ़ जाएगी।