एमसीडी की लापरवाही बच्चे की जान पर बन आई; मेनहॉल में गिरे बच्चे को लोगों ने बचाया
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एमसीडी की लापरवाही बच्चे की जान पर बन आई; मेनहॉल में गिरे बच्चे को लोगों ने बचाया

अभी ओल्ड राजेंद्र नगर में हुए हादसे को लेकर एमसीडी की थू थू बंद नहीं हुई है कि अब साउथ दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी में ऐसी ही लापरवाही से 7 साल के एक बच्चे की जान खतरे में पड़ गयी. दरअसल बच्चा सड़क पर एक मेनहॉल में गिर गया था, जो गत्ते से ढका हुआ था और उसका ढक्कन वहीँ पड़ा हुआ था.


Child Fallen into sewer: दिल्ली देश की राजधानी है लेकिन शायद इस बात की अहमियत यहाँ के नगर निगम एमसीडी को नहीं मालूम है. आलम ये है कि एमसीडी की कारगुजारियों के चलते देश की राजधानी में लोगों की जान जा रही है या फिर जान खतरे में पड़ रही है. अभी ओल्ड राजेंद्र नगर में हुए हादसे को लेकर एमसीडी की थू थू बंद नहीं हुई है कि अब साउथ दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी में ऐसी ही लापरवाही से 7 साल के एक बच्चे की जान खतरे में पड़ गयी. गनीमत रही कि बच्चे के पिता व अन्य लोगों ने कड़ी मशक्कत के बाद उस बच्चे को बचा लिया. दरअसल बच्चा सड़क पर एक मेनहॉल में गिर गया था, उस मेनहॉल पर गत्ता रखा हुआ था और उसका ढक्कन अलग पड़ा हुआ था.


क्या है घटना
सात साल का ये बच्चा डिफेंस कॉलोनी में स्थित साउथ दिल्ली पब्लिक स्कूल में तीसरी कक्षा का छात्र है. शुक्रवार को रोज की तरह वो अपने माता-पिता और छोटी बहन के साथ कार में सवार होकर स्कूल गया था, जैसे ही बच्चा चार से निचे उतरा और स्कूल की तरफ बढ़ा तो उसका पैर एक मेनहॉल पर पड़ा जो एक गत्ते से ढाका हुआ था. बच्चा एकदम से मेनहॉल में चला गया.
बच्चे के पिता अजीत सिंह का कहना है कि "सीवर पर प्लाईबोर्ड था, वो टूट गया और मेरा बच्चा उसमें गिर गया. मेरी पत्नी मेरे साथ थी, उसने बच्चे का हाथ पकड़ा. हमारा शोर सुनकर आसपास के लोग मदद के लिए आये. हम सबने मिलकर तुरंत मेरे बच्चे को बाहर निकाला. गड्ढा गहरा था, इसलिए मुझे सड़क पर लेटकर उसे बाहर निकालना पड़ा. ये भी शुक्र है कि कल बारिश नहीं हुई, अगर बारिश होती तो सीवर ओवरफ्लो हो जाता. सीवर पर प्लाईबोर्ड था, जबकि उसका कवर वहीँ बराबर में पड़ा था. कवर टूटा नहीं था, उसमें कोई दरार भी नहीं थी. बाहर निकाले जाने के बाद मैं अपने बच्चे को AIIMS ले गया, जहां वो 7-8 घंटे तक रहा. वहां उसकी जांच की गई. वो अभी भी घबराया हुआ है, रात में 2-3 बार डरकर उठा. सीवर में उसकी छाती तक पानी था. मैं अपने बच्चे के साथ था. कई और बच्चे अकेले स्कूल आते हैं, अगर वो उसमें गिर जाते तो कौन देखता और उन्हें बचाता?. अगर सीवर साफ हो गया था तो उसे वापस क्यों नहीं ढका गया? MCD और NDMC के बीच लड़ाई में मेरा बच्चा क्यों शिकार बने? इसकी जांच होनी चाहिए." उन्होंने ये भी बताया कि उन्होंने अभी पुलिस में इस विषय में कोई लिखित शिकायत नहीं दी है.


क्या कहा पुलिस ने
पुलिस का कहना है कि इस घटना को लेकर एक पीसीआर कॉल मिली थी. पुलिस मौके पर पहुंची, बच्चे को उसके परिजनों ने लोगों की मदद से बहार निकाल लिया था. बच्चे को चोट नहीं आई थी. मकान संख्या डी-140 के सामने जिस सीवर में बच्चा गिरा था, वो कार्डबोर्ड से ढका हुआ था. बह्चे के पैर रखने से वो टूट गया. अभी कोई शिकायत नहीं मिली है. बच्चे की हालत सभी बताई जा रही है.

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