गांधी और नेहरू का भारत अब ‘लिंचिस्तान’? महबूबा मुफ्ती ने सरकार पर जमकर साधा निशाना
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गांधी और नेहरू का भारत अब ‘लिंचिस्तान’? महबूबा मुफ्ती ने सरकार पर जमकर साधा निशाना

intolerance in the country: पीडीपी प्रमुख ने जोर देकर कहा कि लोगों की गरिमा और सुरक्षा सुनिश्चित करना किसी भी सरकार की सबसे पहली जिम्मेदारी होती है।


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mob violence in India: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में हाल ही में हुई एक सभा में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने ऐसा बयान दिया, जिसने सबको चौंका दिया। उन्होंने सीधे-सीधे कहा कि जिस भारत को गांधी और नेहरू ने सपनों की तरह सजाया था, वह अब भीड़ हिंसा और डर के माहौल में बदल गया है। महबूबा ने इस बदलाव को 'लिंचिस्तान' तक कह डाला और देश में बढ़ते भय के माहौल को लेकर पर गंभीर चेतावनी दी।

महबूबा मुफ्ती ने देश की वर्तमान स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू द्वारा बनाए गए भारत में अब एक परेशान करने वाला बदलाव आया है। उनका तात्पर्य उन घटनाओं से था, जहां देश के विभिन्न हिस्सों में भीड़ हिंसा हो रही है। उन्होंने इसे बेहद गंभीर माना और कहा कि यह आम लोगों की सुरक्षा और सम्मान के लिए खतरा है।

भीड़ हिंसा पर चिंता

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि भारत के अलग-अलग राज्यों में ऐसी घटनाएं यह दिखाती हैं कि देश में भय और असहिष्णुता का माहौल बन रहा है। उनका कहना था कि यह केवल समाज के लिए ही नहीं, बल्कि देश के भविष्य के लिए भी खतरनाक है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जिस भारत की नींव स्वतंत्रता आंदोलन के नेताओं ने रखी थी, वहां आज लोगों में डर और असुरक्षा की भावना बढ़ रही है।

लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खतरा

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि भीड़ हिंसा किसी भी सभ्य समाज के लिए गंभीर चेतावनी है। यह सिर्फ कानून-व्यवस्था पर सवाल नहीं उठाती, बल्कि लोकतंत्र के मूल्यों को भी कमजोर करती है। उन्होंने यह भी कहा कि देश को इस स्थिति से बाहर निकालने के लिए गंभीर आत्ममंथन की जरूरत है।

सरकार की जिम्मेदारी

पीडीपी प्रमुख ने जोर देकर कहा कि लोगों की गरिमा और सुरक्षा सुनिश्चित करना किसी भी सरकार की सबसे पहली जिम्मेदारी होती है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर देश में भय और असहिष्णुता का यह माहौल बना रहा तो इसका असर आने वाली पीढ़ियों पर भी पड़ेगा।

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