पति के हत्यारों को सपा ने बचाया, बीजेपी ने सजा दिलाई: पूजा पाल का आरोप
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'पति के हत्यारों को सपा ने बचाया, बीजेपी ने सजा दिलाई': पूजा पाल का आरोप

UP politics: सपा से निष्कासित विधायक पूजा पाल ने अखिलेश यादव को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार में अपराधियों को सज़ा मिलती है. लेकिन सपा में अपराधियों का संरक्षण जारी रहा, जिससे उनका भरोसा टूट गया.


Pooja Pal letter: समाजवादी पार्टी (सपा) से निष्कासित विधायक पूजा पाल ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखकर उन पर आरोपों की बौछार की है. उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके पति के हत्यारों को सपा सरकार द्वारा संरक्षण मिला. जबकि बीजेपी सरकार में उन्हें न्याय और सज़ा मिल सकी.

चुनाव लड़ने का संघर्ष और परिवार को न्याय की कोशिश

पूजा पाल ने पत्र में लिखा कि वे मुश्किल हालात में बिना सपा के समर्थन के दो बार विधायक बनी थीं. लेकिन उनके पति के हत्यारों के खिलाफ न्याय दिलाने की चाह में उन्होंने तीसरी बार सपा जॉइन की. उन्हें यह उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री अपराधियों के खिलाफ न्याय दिलाएंगे, खासकर पिछड़े, अति पिछड़े और दलित वर्गों के लिए. हालांकि, उन्हें पार्टी में यह महसूस हुआ कि सपा में मुस्लिम वर्ग को अन्य वर्गों से प्राथमिकता दी जाती है, चाहे वे बड़े अपराधी ही क्यों न हों। इस झूठे संरक्षण की राजनीति ने उनका भरोसा तोड़ दिया.

बीजेपी में आरोपी को नहीं मिली छूट

उन्होंने यह स्पष्ट किया कि बीजेपी सरकार में अपराधियों को सज़ा मिलती है. बीजेपी के शासन में उनके पति के हत्यारों को सज़ा मिली. लेकिन सपा में अपराधियों का संरक्षण जारी रहा, जिससे उनका भरोसा टूट गया.

सवालों की बौछार

पूजा पाल ने सवाल उठाया कि उन्होंने सपा के अंदर कोई ग़लती की हो तो उनका पक्ष क्यों नहीं मांगा गया. उन्होंने यह भी कहा कि क्या मुख्यमंत्री सच में पिछड़ों- दलितों की मदद करने वाले संरक्षक हैं या सिर्फ छल कर रहे हैं?

पसंदीदा दलों को वोट देने पर विरोधाभास

पूजा पाल ने यह भी लिखा कि उन्हें बीजेपी का वोट देने पर सपा से निष्कासित किया गया. जबकि, आपने कांस्टीट्यूशनल क्लब, दिल्ली के चुनाव में खुद बीजेपी प्रत्याशी को वोट दिया है तो आप हमे इस बात की सजा कैसे दे सकते हो. लेकिन यह आपका अहंकार ही है कि एक विधवा अति पिछड़ी जाति की बेटी के भीतर आपको गुनाह दिखता है और जब वही गुनाह आपकी पत्नी खुद बीजेपी को कान्स्टीट्‌शनल क्लब में वोट देकर आती है तो वह गुनाह नहीं होता है. जबकि, मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी ने खुलेआम बीजेपी को वोट दिया। यह साफ दिखाता है कि पार्टी स्वार्थ में सब कुछ कर सकती है, पर एक विधवा पिछड़ी बेटी को निकाल दिया जाता है।

पूजा पाल ने लिखा कि उनके पति की हत्या निर्वस्त्र तरीके से हुई—जब उन्हें अस्पताल ले जाया गया था और एक घंटे बाद उन पर एके-47 से गोली चलाई गई. उस समय पुलिस-प्रशासन मदद के बजाय खामोश रहा. उन्होंने कहा कि ऐसी घटना किसी राजनीतिक परिवार की बेटी के साथ नहीं होती. लेकिन एक विधवा अति पिछड़ी बेटी के साथ हुई और सपा ने उसमें भी कोई मदद नहीं की. पूजा पाल ने भरोसा जताया कि जो दर्द उन्होंने सहा है, वह बहुत बड़ा है. लेकिन वे उत्तर प्रदेश की जनता पर भरोसा रखती हैं.

न्याय का भरोसा

पूजा पाल ने यह भी चेतावनी दी कि उन्हें सोशल मीडिया पर गंदी गालियां और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं. लेकिन उनके पति के हत्यारों को सज़ा मिलने से उन्हें संतोष है. उन्होंने सरकार से यह मांग की कि अगर उनकी हत्या होती है तो इसके लिए समाजवादी पार्टी और मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराया जाए.

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