
हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर: अब तक 320 की मौत, 819 सड़कें बंद, ज़रूरी सेवाएं ठप
भारी बारिश से हिमाचल प्रदेश के कई हिस्से तबाह हो गए हैं। राज्य में कुल 822 सड़कें ठप पड़ी हैं, जिनमें 3 राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं।
हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर लगातार राज्य के बुनियादी ढांचे को प्रभावित कर रहा है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के अनुसार, कुल 819 सड़कें, जिनमें 3 राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल हैं, 1,236 बिजली ट्रांसफॉर्मर और 424 जलापूर्ति योजनाएँ ठप हो चुकी हैं।
20 जून से अब तक राज्य में कुल मौतों की संख्या 320 पहुँच चुकी है। इनमें से 166 मौतें बारिश से जुड़ी घटनाओं, भूस्खलन, अचानक आई बाढ़ और करंट लगने से हुईं, जबकि 154 मौतें सड़क दुर्घटनाओं में दर्ज की गईं।
राज्य का सड़क नेटवर्क बुरी तरह प्रभावित हुआ है। एनएच-03, एनएच-05 और एनएच-305 पर बड़े पैमाने पर अवरोध की सूचना है। सैकड़ों ग्रामीण संपर्क सड़कें भूस्खलन और मलबे की वजह से कट चुकी हैं। ज़िलों में चंबा (253 सड़कें), मंडी (206), कुल्लू (175) और कांगड़ा (61) सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं, एएनआई ने रिपोर्ट किया।
बिजली आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। 1,236 वितरण ट्रांसफॉर्मर (DTRs) क्षतिग्रस्त या काम न करने की स्थिति में हैं। सबसे ज़्यादा प्रभावित ज़िले हैं—कुल्लू (357), चंबा (296), ऊना (330) और मंडी (177)। बहाली का काम जारी है, लेकिन लगातार बारिश और ऊँचाई वाले व दूरदराज़ इलाकों तक पहुँच में कठिनाई के कारण दिक्कतें बनी हुई हैं।
जलापूर्ति योजनाएँ भी बाधित हुई हैं। कुल 424 योजनाएँ प्रभावित हैं, जिनमें पेयजल और सिंचाई दोनों शामिल हैं। सबसे ज़्यादा असर चंबा (77 योजनाएँ), कुल्लू (39), मंडी (56) और शिमला (32) में देखा गया है।
प्रशासन ने सड़कों की सफाई, बिजली बहाली और जलापूर्ति सिस्टम की मरम्मत के लिए कई टीमें तैनात की हैं। हालांकि, भारी बारिश के पूर्वानुमान के कारण पूरी तरह बहाली में और समय लग सकता है।
20 जून से 30 अगस्त तक का कुल नुकसान ₹3,04,207.46 लाख आँका गया है। इसमें जनहानि, पशुधन, कृषि, बागवानी, मकान, दुकानें, कारखाने, सार्वजनिक सुविधाएँ और अन्य ढाँचे का नुकसान शामिल है।
बारिश से जुड़ी मौतों में 33 मौतें डूबने से, 17 क्लाउडबर्स्ट से, 14 करंट लगने से, 11 भूस्खलन से, 9 अचानक आई बाढ़ से हुईं। इसके अलावा बिजली गिरने, सांप के काटने और पहाड़ी ढलानों से गिरने जैसी घटनाएँ भी शामिल हैं।
सड़क दुर्घटनाओं से बड़ी संख्या में मौतें चंबा (22), मंडी (22), कांगड़ा (19) और शिमला (16) से रिपोर्ट की गईं।