
होली पर यूपी के संभल और शाहजहांपुर में ढकी मस्जिदें
होली और रमजान को लेकर यूपी में चल रही बयानबाजी का असर दिखने लगा है। संवेदनशील माने जाने वाले शहरों, संभल और शाहजहांपुर में मस्जिदों को कवर कर दिया गया है।
किसी मस्जिद को तिरपाल से ढका गया है तो किसी मस्जिद को प्लास्टिक या पन्नी से कवर किया गया है। यूपी का संभल हो या शाहजहांपुर, दोनों शहरों में १४ मार्च यानी जुमे के दिन को होली को लेकर यह एहतियात बरती गई है।
रिपोर्ट्स बता रही हैं कि अकेले शाहजहांपुर में ही छोटी-बड़ी ६० से ज्यादा मस्जिदों को ढका गया है। इसकी बड़ी वजह है होली पर निकलने वाला परंपरागत लाट साहब जुलूस।
क्या होता है 'लाट साहब' जुलूस?
शाहजहांपुर की होली परंपरा के मुताबिक, यहां दो तरह के जुलूस निकलते हैं। एक, छोटे लाट साहब जुलूस और दूसरा, बड़े लाट साहब जुलूस। शाहजहांपुर में होली पर ऐसे 17 जुलूस निकलते हैं। इसे 'जूता-मार होली' भी कहते हैं।
एक व्यक्ति को 'लाट साहब' बनाकर भैंसा गाड़ी पर बैठाया जाता है और उस पर जूते-चप्पलों की बरसात की जाती है। बताया जाता है कि ये परंपरा अंग्रेज़ों के जमाने से चली आ रही है।
'लाट साहब' जुलूस का डर क्यों?
शाहजहांपुर के एसपी एस. राजेश ने न्यूज़ एजेंसी को बताया कि छोटे लाट साहब के रूट में 8 मस्जिदें पड़ती हैं। जबकि इससे ज्यादा मस्जिदें बड़े लाट साहब वाले जुलूस के रूट में पड़ती हैं।
लाट साहब जुलूस के दौरान सुरक्षा व्यवस्था का हवाला देकर मस्जिदों को ढका गया है। पुलिस और प्रशासन को आशंका है कि मस्जिद की दीवारों पर रंग गिरने की वजह से किसी विवाद की नौबत आ सकती है। मस्जिदों को कवर इसीलिए करवाया गया है।
पुलिस की क्या तैयारी?
होली और जुमे के एक ही दिन में पड़ने की वजह से शाहजहांपुर में भी भारी सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। शाहजहांपुर के एसपी एस. राजेश का बयान है कि लगभग ३५०० पुलिसकर्मियों को तैनात किया जा रहा है। इसमें स्थानीय पुलिस रहेगी ही, 2 कंपनी पीएसी और आरएएफ को भी तैनात किया जा रहा है।
यही नहीं, त्योहार पर कोई गड़बड़ी न हो, इसके लिए ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से भी नजर रखी जाएगी।
संभल में क्या हाल है?
शाहजहांपुर ही नहीं, संभल में भी होली और जुमे को देखते हुए बेहद एहतियात बरती जा रही है। पुलिस और प्रशासन ने मस्जिद कमेटियों से बैठक की और उसके बाद होली के जुलूस रूट में पड़ने वाली संभल की १० मस्जिदों को तिरपाल से ढक दिया गया है।