महाराष्ट्र में 3 साल बाद नगर निकाय चुनाव, 15 जनवरी को वोटिंग
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महाराष्ट्र में 3 साल बाद नगर निकाय चुनाव, 15 जनवरी को वोटिंग

BMC समेत 29 नगर निगमों में चुनाव का ऐलान, 2022 से लंबित थे चुनाव, सुप्रीम कोर्ट की डेडलाइन से पहले होगा मतदान


Municipal Polls In Maharashtra : महाराष्ट्र में लंबे समय से टलते आ रहे नगर निकाय चुनावों को लेकर आखिरकार तस्वीर साफ हो गई है। राज्य के 29 नगर निगमों, 32 जिला परिषदों और 336 पंचायत समितियों के चुनाव 15 जनवरी को कराए जाएंगे। मतदान के अगले दिन यानी 16 जनवरी को मतगणना होगी।

ये चुनाव न सिर्फ स्थानीय निकायों के लिए अहम हैं, बल्कि राज्य की राजनीति की दिशा तय करने वाले माने जा रहे हैं।

BMC समेत बड़े शहरों पर सबकी नजर

राजनीतिक दृष्टि से बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) के चुनाव सबसे ज्यादा अहम माने जा रहे हैं। इसके अलावा पुणे, ठाणे जैसे बड़े नगर निगमों के नतीजे भी सत्ता संतुलन की तस्वीर साफ करेंगे।
इन चुनावों से यह भी पता चलेगा कि मौजूदा सत्तारूढ़ गठबंधन के प्रति जनता का मूड क्या है।

एशिया की सबसे अमीर नगरपालिका BMC

BMC का चुनाव इस बार बेहद दिलचस्प होने वाला है। यह देश की सबसे बड़ी और एशिया की सबसे अमीर नगरपालिका मानी जाती है। इसका बजट कई छोटे राज्यों के सालाना बजट से भी ज्यादा है
अब तक BMC पर अविभाजित शिवसेना का दबदबा रहा है, लेकिन इस बार बीजेपी इसे अपने हाथ में लेने की कोशिश में जुटी है।

मेयर की कुर्सी पर महायुति का दावा

BMC में मेयर पद को लेकर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सतर्क जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि मेयर महायुति से ही होगा, हालांकि किस दल का होगा, इस पर उन्होंने कोई साफ बयान नहीं दिया।

विपक्ष भी पूरी ताकत में

महाविकास आघाड़ी (MVA) भी इन चुनावों को लेकर पूरी तरह चुनावी मोड में है। यह चुनाव खास तौर पर उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT)
और कांग्रेस के लिए बेहद अहम माने जा रहे हैं।
पिछले विधानसभा चुनावों में प्रदर्शन को देखते हुए, ये नगर निकाय चुनाव उनके राजनीतिक भविष्य की दिशा तय कर सकते हैं।

ठाकरे भाइयों की नजदीकी ने बढ़ाया सस्पेंस

इन चुनावों ने एक और बड़ा राजनीतिक मोड़ ला दिया है। करीब दो दशकों बाद उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक-दूसरे के करीब आते नजर आ रहे हैं। हालांकि, दोनों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का आधिकारिक ऐलान अभी तक नहीं हुआ है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इसकी चर्चा तेज है।

2022 से क्यों टलते रहे चुनाव?

मुंबई, पुणे और ठाणे जैसे बड़े नगर निगमों का कार्यकाल 2022 में ही खत्म हो गया था। लेकिन ओबीसी आरक्षण और वार्ड परिसीमन से जुड़े कानूनी और प्रशासनिक विवादों के चलते चुनाव लगातार टलते रहे।

सुप्रीम कोर्ट की डेडलाइन बनी वजह

सुप्रीम कोर्ट ने सभी लंबित नगर निकाय चुनाव 31 जनवरी तक पूरा करने की समयसीमा तय की है। इसी के चलते राज्य निर्वाचन आयोग ने अब 15 जनवरी को मतदान कराने का फैसला किया है।
पहले चरण के नतीजे 21 दिसंबर को राज्य के 264 नगर परिषदों और नगर पंचायतों के चुनाव 2 दिसंबर को हो चुके हैं।
इनके नतीजे 21 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे।

कुछ जगहों पर फिर टले थे चुनाव

इसके अलावा करीब 24 नगर परिषदों और नगर पंचायतों में चुनाव टाल दिए गए थे। अब वहां 20 दिसंबर को मतदान होगा और इन सीटों के नतीजे भी 21 दिसंबर को ही आएंगे।
कुल मिलाकर, 15 जनवरी को होने वाले ये नगर निकाय चुनाव महाराष्ट्र की राजनीति के लिए सेमीफाइनल माने जा रहे हैं, जिनका असर सीधे राज्य की सत्ता और भविष्य की रणनीतियों पर पड़ सकता है।


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