मुस्तफाबाद के बाद बाबरपुर विधानसभा का नाम बदलने की उठी मांग
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मुस्तफाबाद के बाद बाबरपुर विधानसभा का नाम बदलने की उठी मांग

बीजेपी विधायक अजय महावर ने बजट सत्र के दौरान ये मांग उठाई है. इससे पहले भी वो बाबरपुर का नाम बदलने की बात कर चुके हैं.


Name Change Politics: दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र में आज मुस्तफाबाद विधानसभा का नाम बदलने का प्रस्ताव पेश किया जाएगा, इस बीच एक और विधानसभा का नाम बदलने की मांग उठा दी गयी है। ये मांग भाजपा के विधायक अजय महावर द्वारा की गयी है, जिसमें उन्होंने बाबरपुर विधानसभा का नाम बदल कर पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखने की मांग की है।


बाबर के नाम पर विधानसभा का नाम होने पर आपत्ति

बीजेपी विधायक अजय महावर का कहना है कि बाबर एक आक्रांता था, जिसने भारत पर आक्रमण किया और यहां शासन किया। उन्होंने सवाल उठाया कि, "बाबर के नाम पर हमारी विधानसभा का नाम क्यों होना चाहिए? हमें ऐसे नामों को बदलकर उन महापुरुषों के नाम पर रखना चाहिए जिन्होंने देश के लिए योगदान दिया है।"

ज्ञात रहे कि इससे पहले भी अजय महावर ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बाबरपुर विधानसभा का नाम बदलकर एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर विधानसभा का नाम रखने की मांग कर चुके हैं.


दिल्ली विधानसभा में मुस्तफाबाद का नाम बदलने का प्रस्ताव

बाबरपुर के नाम बदलने की मांग के साथ ही दिल्ली विधानसभा में मुस्तफाबाद विधानसभा का नाम बदलने का प्रस्ताव भी चर्चा में है। बीजेपी के मुस्तफाबाद से विधायक और दिल्ली विधानसभा के डिप्टी स्पीकर मोहन सिंह बिष्ट ने मुस्तफाबाद का नाम बदलकर "शिव विहार" रखने का प्रस्ताव रखा है। फिलहाल इस प्रस्ताव पर चर्चा टल गयी है, जबकि इस पर शुक्रवार को ही चर्चा होनी थी।


राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज

दिल्ली में विधानसभा क्षेत्रों के नाम बदलने को लेकर राजनीतिक हलकों में बहस तेज हो गई है। बीजेपी के विधायकों का तर्क है कि जिन स्थानों के नाम आक्रमणकारियों से जुड़े हुए हैं, उन्हें बदला जाना चाहिए और देश के महापुरुषों के नाम पर रखा जाना चाहिए।

हालांकि, विपक्षी दल इस मांग का विरोध कर सकते हैं। विपक्ष का मानना है कि ऐसे मुद्दे उठाकर जनता के असली मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा है।


पहले भी उठ चुकी हैं नाम बदलने की मांगें

यह पहली बार नहीं है जब दिल्ली में स्थानों के नाम बदलने की मांग उठी हो। इससे पहले औरंगज़ेब लेन का नाम बदलकर अब्दुल कलाम लेन किया गया था। इसी तरह, देशभर में कई स्थानों के नाम बदलने की मांग उठ चुकी है, जिनमें इलाहाबाद का नाम प्रयागराज, फैज़ाबाद का नाम अयोध्या, और मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन रखा जाना शामिल है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली विधानसभा में इन प्रस्तावों पर क्या प्रतिक्रिया आती है और क्या बाबरपुर और मुस्तफाबाद के नाम बदले जाते हैं या नहीं। बीजेपी नेता जहां इसे सांस्कृतिक सुधार की दिशा में कदम बता रहे हैं, वहीं विपक्ष इसे अनावश्यक मुद्दा बताकर विरोध कर सकता है।


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