
लाखों की लागत गई पानी में, पंजाब के किसान बोले सरकारी राहत नदारद
Ground report Punjab floods: इन दिनों पूरा पंजाब इन दिनों बाढ़ से जूझ रहा है. इस प्राकृतिक आपदा में 43 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 1.71 लाख हेक्टेयर में फैली फसलें बर्बाद हो गई हैं.
Punjab Floods 2025: साल 2025 लेकिन पंजाब के लोगों को 37 साल पुराना वह मंजर याद आ रहा है. जब बाढ़ के प्रकोप से पूरा सूबा बेहाल था. एक बार फिर उन हालत का सामना पंजाब के लोग कर रहे हैं. बाढ़ के रूप में पंजाब के 5 जिले बुरी तरह से प्रभावित हैं. जिनमें होशियारपुर, पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर और कपूरथला है. इन जिलों के 1600 गांव डूबे हुए हैं और हजारों एकड़ की फसल बर्बाद हो चुकी है.
पंजाब में बाढ़ से हुई तबाही का जायजा लेने द फेडरल देश की टीम ग्राउंड जीरो पर है. अपने दौरे के क्रम में कपूरथला जिले के सुल्तानपुर लोधी इलाके में जब टीम पहुंची तो हर तरफ केवल पानी ही पानी नजर आया. बाढ़ में गांव डूबे हुए और मवेशियों के सामने संकट इस तरह का है, उसका सीधा गवाह बने. इस तहसील का बाउपुर इलाका बुरी तरह से प्रभावित है. राहत के लिए स्वयंसेवी संगठन जुटे हुए नजर आए, लेकिन सरकार की व्यवस्था उम्मीद से कम दिखी. इस बारे में हमने एनजीओ के लोगों से बातचीत की तो उनका कहना था कि इसमें दो मत नहीं है कि सरकारी व्यवस्था कम है. अगर कुछ है भी तो बदइंतजामी है.
हालांकि, एनजीओ से जुड़े लोगों के आरोपों को सरकारी मशीनरी ने नकार दिया. लेकिन बाउपुर इलाके के ही एक गांव सरदुल्लापुर के रहने वाले दुल्लह, सकदेव सिंह, सुरेंद्र सिंह, मलकीर सिंह, निर्मल सिंह ने जो कुछ बताया, वह मान सरकार के दावों की पोल खोल रहा था.
सकदेव सिंह कहते हैं कि उनके पास 10 एकड़ जमीन है. जिसमें 8 एकड़ में धान की फसल लगाई थी. लेकिन अब वह नाउम्मीद है. उनके इस बात पर द फेडरल देश की टीम ने सवाल किया कि ऐसा क्यों? उनका जवाब था कि पूरी लागत, जो 2 से 3 लाख रुपये की थी, वह बाढ़ के पानी में डूब गई. सरकार हर्जाने की बात तो करती है, लेकिन वह रकम क्या होगी, उसका ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ दिया. सखदेव के बाद सुरेंद्र सिंह जो सेवादार भी हैं. उन्होंने कहा कि जो हमारी क्षमता है, हम सहयोग कर रहे हैं. लेकिन मान सरकार की तरफ से जिस तरह की मदद मिलनी चाहिए थी, वह नहीं मिल रही.
यह व्यथा और परेशानी सरदुल्लापुर की ही नहीं है, बल्कि उन 16 गांवों की है, जो ब्यास दरिया के शिकार हुए हैं. वैसे तो यहां के लोग ब्यास को दरिया को जीवन रेखा मानने हैं. लेकिन उनका यह भी कहना है कि कहीं न कहीं इस तरह के हालात के लिए, वह व्यवस्था जिम्मेदार है, जो बेहतरी के वादे और दावे करती है, लेकिन समय आने पर मुंह फेर लेती है.
इन दिनों पूरा पंजाब इन दिनों बाढ़ से जूझ रहा है. इस प्राकृतिक आपदा में 43 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 1.71 लाख हेक्टेयर में फैली फसलें बर्बाद हो गई हैं. 23 जिलों के 1902 गांव पानी में पूरी तरह से डूब गए हैं, जिससे 3,84,205 लोग प्रभावित हुए हैं. साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से अब तक 20,972 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. पंजाब के राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियन ने कहा कि बाढ़ के कारण 23 जिलों के कुल 1,902 गांव प्रभावित हुए हैं, जिससे 3.84 लाख से अधिक की आबादी प्रभावित हुई है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से अब तक 20,972 लोगों को निकाला गया है. 24 घंटे में छह और लोगों की मौत हो गई. इसके साथ ही 14 जिलों में मृतकों की संख्या बढ़कर अब 43 हो गई है.