इंदौर में चूहे के काटने से NICU में नवजात बच्ची की मौत, माता-पिता बोले–अस्पताल ने अंधेरे में रखा
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बच्ची को इंदौर के इसी महाराजा यशवंतराव अस्पताल के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (NICU) में भर्ती किया गया था

इंदौर में चूहे के काटने से NICU में नवजात बच्ची की मौत, माता-पिता बोले–अस्पताल ने अंधेरे में रखा

अस्पताल ने इस घटना के बाद दो नर्सिंग अधिकारियों को निलंबित कर दिया और एक नर्सिंग अधीक्षक को हटा दिया। साथ ही नर्सिंग अधिकारी प्रभारी और बाल शल्य चिकित्सा विभागाध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।


देवराम और उनकी पत्नी मंजू ने बताया कि वे कई दिनों तक अपनी नवजात बेटी की ख़बर का इंतजार करते रहे, जिसे गंभीर जन्मजात जटिलताओं के कारण इंदौर के महाराजा यशवंतराव (MY) अस्पताल के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (NICU) में भर्ती किया गया था। लेकिन, उनके मुताबिक, अस्पताल की ओर से उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई।

बाद में स्थानीय आदिवासी कार्यकर्ताओं से पता चला कि उनकी बेटी को चूहे ने काट लिया था और कुछ दिन बाद उसकी मौत हो गई। इस हफ्ते की शुरुआत में इसी अस्पताल के NICU में चूहों ने दो शिशुओं को काटा था। दोनों की मौत हो गई—एक की मंगलवार को और दूसरी की बुधवार को।

मध्यप्रदेश के धार ज़िले के सरदारपुर निवासी देवराम और मंजू ने जय आदिवासी युवा शक्ति (JAYS) संगठन के कार्यकर्ताओं के साथ एमजीएम मेडिकल कॉलेज (जो इस अस्पताल से जुड़ा है) के बाहर प्रदर्शन किया। माता-पिता का कहना था कि अस्पताल ने उन्हें वादा किया था कि जैसे ही नवजात की हालत सर्जरी के बाद सुधरेगी, उन्हें सूचित किया जाएगा।

मंजू ने कहा—“जब मैं अस्पताल से गई थी, मेरी बेटी अच्छी हालत में थी, वह कमजोर नहीं थी। हमें बताया गया था कि उसे सर्जरी की ज़रूरत है और वह ठीक हो जाएगी। अस्पताल प्रशासन ने कहा था कि वे हमें कॉल करेंगे, लेकिन हमें कुछ नहीं बताया गया… हमें लगा कि सर्जरी के बाद मैं आखिरकार अपनी बेटी को गोद में ले पाऊँगी।”

देवराम ने कहा—“अस्पताल ने हमें भरोसा दिलाया था कि वे कॉल करेंगे। हर विज़िटर के लिए गेट पास बनता है, जिसके बिना अंदर नहीं जा सकते, इसलिए हम कॉल का इंतजार करते रहे। हमने अपनी बेटी को कभी नहीं छोड़ा।”

उन्होंने आगे कहा कि उनकी कठिनाई तब शुरू हुई जब बच्ची को जन्मजात जटिलताओं के कारण NICU में भर्ती कराया गया। “हम दो दिन तक ICU के बाहर बैठे रहे, लेकिन न तो हमें बच्ची से मिलने दिया गया और न ही डॉक्टर से। इसके बाद पैसों की कमी के कारण हमें गाँव लौटना पड़ा। हाल ही में हमें पता चला कि बेटी की मौत चूहे के काटने से हो गई। जब मैं अस्पताल से लौटा था, तब मेरी बेटी अच्छी हालत में थी। हमें बताया गया था कि उसका ऑपरेशन होगा और वह ठीक हो जाएगी।”

इस घटना पर एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद घनगोरिया ने अस्पताल की खामियों को स्वीकार किया लेकिन मौत की वजह चूहे का काटना मानने से इंकार किया। उन्होंने कहा—“बच्ची की मौत चूहे के काटने से नहीं हुई। हाँ, उसे चूहे ने काटा था और इस पर सभी जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है।”

उन्होंने यह भी कहा—“बच्ची की मौत के समय उसके माता-पिता मौजूद नहीं थे, इसलिए प्रक्रिया के तहत हमें पुलिस और मेडिकल स्टाफ को सूचित करना पड़ा कि मृत्यु के समय बच्ची के माता-पिता नहीं थे।”

अस्पताल ने इस घटना के बाद दो नर्सिंग अधिकारियों को निलंबित कर दिया और एक नर्सिंग अधीक्षक को हटा दिया। साथ ही नर्सिंग अधिकारी प्रभारी और बाल शल्य चिकित्सा विभागाध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

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