फिर एक बार एलजी और दिल्ली सरकार में हुई तकरार, स्वास्थ्य मंत्री के ओएसडी निलंबित
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फिर एक बार एलजी और दिल्ली सरकार में हुई तकरार, स्वास्थ्य मंत्री के ओएसडी निलंबित

दिल्ली के उपराज्यपाल ने विवेक विहार में हुए बेबी केयर अस्पताल अग्निकांड के बाद कार्रवाई करते हुए स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज के ओएसडी डॉ आरएन दास को निलंबित कर दिया है. डॉ दास को निजी नर्सिंग होम को गलत तरह से रजिस्ट्रेशन दिलाने में शामिल होने का आरोपी पाया गया है


Delhi Health Ministry OSD matter: दिल्ली के उपराज्यपाल ने विवेक विहार में हुए बेबी केयर अस्पताल अग्निकांड के बाद कार्रवाई करते हुए स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज के ओएसडी डॉ आरएन दास को निलंबित कर दिया है. डॉ दास को निजी नर्सिंग होम को गलत तरह से रजिस्ट्रेशन दिलाने में शामिल होने का आरोपी पाया गया है और इसी आधार पर 29 मई को उन्हें निलंबित कर दिया गया है.

दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय ने बुधवार को आदेश जारी करते हुए इस निलंबन को लेकर आदेश जारी किये. इस आदेश में कहा गया कि ‘ दिल्ली के माननीय उपराज्यपाल ने सीसीएस(सीसीए) नियम, 1965 के नियम-10 के उप-नियम (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्री के विशेष कार्याधिकारी (OSD) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.’’

दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा लिए गए इस निर्णय के पीछे एक रिपोर्ट का हवाला दिया गया है, जिसमें ये कहा गया है कि डॉ आरएन दास ने ज्योति नर्सिंग होम, ज्योति नगर शाहदरा के रजिस्ट्रेशन में मदद करते हुए कई नियमों को अनदेखा किया. जिस समय ये कृत्य डॉ आरएन दास ने किया उस वक्‍त वो नर्सिंग होम सेल के चिकित्सा अधीक्षक भी थे. उपराज्यपाल की की र‍िपोर्ट में ये भी स्पष्ट किया गया है कि सभी घटनाएं इस तथ्य की ओर इशारा करती हैं क‍ि डॉ. आरएन. दास ने स्पष्ट रूप से अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया है.





सौरभ भारद्वाज ने कहा किसी न किसी बहाने से मेरे ओएसडी को हटाने में लगे रहते हैं एलजी

दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अपने ओएसडी के निलंबित होने पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म ''X'' पर पोस्ट करते हुए प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि

" LG साब @LtGovDelhi को मालूम ही नहीं है, मेरे स्वास्थ्य विभाग ने उनके अधीन आने वाले दिल्ली पुलिस विभाग को 18 अप्रैल को ही हीट वेव की एडवाइज़री भेजी थी. केंद्र सरकार के सभी अस्पतालों को भी भेजी थी. 27 मई को मैंने रिव्यू लिया, और फिर से सभी विभागों को एडवाइज़री भेजी है. इतने बड़े पद पर आपके सलाहकार आपको सही सलाह नहीं दे रहे है। नकारात्मकता की तरफ़ दिल्ली को लेजा रहे हैं''.


इसके अलावा एक प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि अगर आप लोग मेरे कार्यालय के अंदर एक साल पहले आए हों और अब देखे तो मेरा दफ्तर खाली है. जो फेलो और कंसल्टेंट लगवाए गए थे, जो अच्छी जगहों से पढ़कर आए थे, उन्हें एलजी साहब ने हटा दिया. मेरे अधीन जो भी ओएसडी काम कर रहे हैं, उन्हें परेशान किया जा रहा हैं. कुछ न कुछ जांच के नाम उनको निकालते रहते हैं, चाहे वो कोई भी विभाग हो दिल्ली जल बोर्ड हो, स्वास्थ्य विभाग हो या कोई भी विभाग हो. इससे पहले भी मेरे अलग अलग विभागों के ओएसडी को निकाला जा चुका है. सबको किसी न किसी बहाने से निकाला गया या सस्पेंड कर दिया गया.

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