UP: आउटसोर्स कर्मियों के लिए खुशखबरी, मिलेगा ज्यादा वेतन और सुविधाएं
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UP: आउटसोर्स कर्मियों के लिए खुशखबरी, मिलेगा ज्यादा वेतन और सुविधाएं

UP Outsourced Service Corporation: इस नई व्यवस्था से कर्मचारियों को बेहतर वेतन और सुविधाएं मिलेंगी. सरकारी विभागों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी. कर्मचारियों का भविष्य ज्यादा सुरक्षित होगा.


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Uttar Pradesh outsourced employees: उत्तर प्रदेश सरकार ने एक नई व्यवस्था लागू की है, जिससे अब सरकारी विभागों में आउटसोर्स कर्मचारी तीन साल तक सेवा दे सकेंगे. इसके बाद उनकी सेवा का नवीनीकरण (रिन्यूवल) किया जाएगा. अभी तक ये अनुबंध सिर्फ एक साल का होता था.

अब मिलेगा ज्यादा वेतन

कर्मचारियों को कम से कम ₹20,000 प्रतिमाह वेतन मिलेगा. पहले न्यूनतम वेतन सिर्फ ₹10,000 था. अब विभाग खुद एजेंसियों का चयन नहीं करेंगे. इसकी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम को दी गई है, जो चयन GeM पोर्टल के माध्यम से करेगा.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया है. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि कर्मचारियों को वेतन के अलावा पीएफ (EPF) और ईएसआई (ESI) की सुविधाएं भी मिलेंगी. कर्मचारियों को आरक्षण, मातृत्व अवकाश (मेटरनिटी लीव) जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी. चयन लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के जरिए होगा. समय-समय पर कर्मचारियों को प्रशिक्षण (ट्रेनिंग) भी दी जाएगी. सेवा के दौरान मृत्यु होने पर परिजनों को ₹15,000 अंतिम संस्कार सहायता दी जाएगी.

नई व्यवस्था की खास बातें

कर्मचारी हर महीने 26 दिन काम करेंगे. वेतन हर महीने की 1 से 5 तारीख के बीच सीधे खाते में जाएगा. EPF और ESI का अंशदान भी सीधे खाते में जाएगा. अगर कोई गड़बड़ी पाई गई तो सेवा तुरंत खत्म की जा सकेगी.

आउटसोर्स कर्मियों की श्रेणियां और वेतन

1. श्रेणी 1

चिकित्सीय, अभियंत्रण, व्याख्यान, लेखा, परियोजना प्रबंधन, वरिष्ठ अनुसंधान आदि. न्यूनतम वेतन: ₹40,000.

2. श्रेणी 2

कार्यालय स्तर 2, डाटा प्रोसेसिंग, नर्सिंग, फार्मेसी, कला, शारीरिक शिक्षा, परामर्श आदि. न्यूनतम वेतन: ₹25,000.

3. श्रेणी 3

कार्यालय स्तर 3, टंकण, फोटोग्राफी, इलेक्ट्रिशियन, फिटर, ड्राइवर, पैरामेडिकल आदि. न्यूनतम वेतन: ₹22,000.

4. श्रेणी 4

लिफ्ट ऑपरेटर, कार्यालय अधीनस्थ, सफाई, खान-पान, सुरक्षा, बागवानी आदि. न्यूनतम वेतन: ₹20,000.

कर्मचारियों के हित में बना निगम

सरकार ने कर्मचारियों के हक को सुरक्षित रखने के लिए "उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम" बनाया है.

क्यों बना निगम?

एजेंसियां कर्मचारियों को पूरा वेतन नहीं देती थीं. EPF और ESI का पैसा भी कई बार नहीं जमा होता था. अब इन सब बातों पर निगरानी रखने के लिए निगम जिम्मेदार होगा.

कैसे काम करेगा यह निगम?

यह एक "नॉन-प्रॉफिट" पब्लिक लिमिटेड कंपनी होगी. कंपनी में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और अलग-अलग स्तर पर मॉनिटरिंग कमेटी होगी. कर्मचारियों के वेतन से 1% सर्विस चार्ज निगम को मिलेगा, बाकी पैसा कल्याण कोष (वेलफेयर फंड) में जमा होगा.

कुछ और जरूरी बातें

यह व्यवस्था पहले से मौजूद स्थायी पदों पर लागू नहीं होगी. मौजूदा कर्मचारियों को ही पहले मौका दिया जाएगा. अनुशासनहीनता या अपराध की स्थिति में, निगम की मंजूरी से ही कर्मचारी हटाए जा सकेंगे.

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