
पहलगाम आतंकी हमला: डरे सैलानी; खाली होटल, कश्मीरी पर्यटन पर संकट के बादल
कश्मीर में मार्च से जून तक का सीज़न सबसे कमाई वाला होता है. इस हमले के बाद सैकड़ों बुकिंग्स रद्द हो गई हैं.
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत और कई घायल हो गए. इस भयानक हमले ने न सिर्फ जानें लीं, बल्कि कश्मीर की पर्यटन अर्थव्यवस्था को भी बुरी तरह हिला दिया. स्थानीय होटल व्यवसायी यावर लोन का कहना है कि हमले के तुरंत बाद दोपहर करीब 1:30 बजे मेरे होटल में रुके सभी लोग चेकआउट करके चले गए. एक जोड़ा अभी-अभी आया ही था. लेकिन उनके परिवार ने उन्हें वापस बुला लिया. कई ट्रैवल एजेंसियों से बुकिंग कैंसिल हो रही हैं. ये हमारे लिए पीक सीज़न होता है. अब शायद साल के अंत तक कोई पर्यटक नहीं आएगा.
जान बचानी है, छुट्टियां बाद में देख लेंगे
एक डरे हुए पर्यटक ने कहा कि हम कश्मीर घूमने आए थे. लेकिन अब जम्मू होते हुए घर लौट रहे हैं. हमें डर लग रहा है. छुट्टियों से ज्यादा ज़रूरी हमारी सुरक्षा है. चेन्नई के पर्यटक बिजीथ वक्कलारी ने भी अपनी कश्मीर यात्रा रद्द कर दी. उन्होंने कहा कि हमने महीनों पहले प्लान किया था. लेकिन अब मेरी पत्नी और बच्चे डर गए हैं. ऐसे माहौल में परिवार के साथ रिस्क नहीं ले सकते.
कश्मीर का पर्यटन
2024 में रिकॉर्ड 2.36 करोड़ पर्यटक कश्मीर आए, जिनमें 65,000 विदेशी थे. मार्च से जून तक का सीज़न सबसे कमाई वाला होता है. इस हमले के बाद सैकड़ों बुकिंग्स रद्द हो गई हैं. गुलमर्ग, सोनमर्ग, श्रीनगर, पहलगाम जैसे इलाकों के होटल खाली हो चुके हैं. होटल, टैक्सी, पोनी राइड्स, हाउसबोट्स, हस्तशिल्प हर सेक्टर प्रभावित हुआ है.
टैक्सी ड्राइवर बिलाल ने बताया कि पहले हर दिन 300-400 गाड़ियां एयरपोर्ट से टूरिस्ट उठाती थीं. लेकिन हमले के अगले दिन सिर्फ 4-5 गाड़ियां ही दिखीं. जो पर्यटक श्रीनगर में थे, उन्होंने पहलगाम जाने का प्लान कैंसिल कर दिया. उन्होंने बताया कि मई के दूसरे हफ्ते तक की सारी बुकिंग्स रद्द हो चुकी हैं.
कश्मीर की कमर तोड़ी गई- स्थानीय दुकानदार
कश्मीरी हस्तशिल्प की दुकान चलाने वाले शौकत ने कहा कि यह सिर्फ टूरिस्ट्स पर हमला नहीं, हमारी कमाई और भविष्य पर भी हमला है. कश्मीर के ज्यादातर लोग पर्यटन पर ही निर्भर हैं. होटल मालिक यावर लोन कहते हैं कि जो टूरिस्ट फंस गए हैं, उन्हें हम मुफ्त में ठहरने की सुविधा दे रहे हैं. जो कैंसिल कर रहे हैं, उन्हें पूरा रिफंड दे रहे हैं. हम चाहते हैं कि लोग सुरक्षित महसूस करें.