
आतंकी मददगारों पर NIA की कार्रवाई, लेकिन असली गुनहगार अब भी फरार
Pahalgam Attack: पहलगाम आतंकी हमले के आज दो महीने पूरे होने जा रहे हैं। लेकिन मुख्य गुनहगार अब भी फरार है। इन सबके बीच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 22 जून को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पहलगाम आतंकी हमले से जुड़े दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। इस भीषण हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। जांच एजेंसी के अनुसार, इन दोनों आरोपियों ने उन आतंकियों को पनाह दी थी जिन्होंने यह हमला अंजाम दिया।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान
NIA ने जिन दो लोगों को गिरफ्तार किया है, उनके नाम परवेज़ अहमद जोथर (निवासी बटकूट) और बशीर अहमद जोथर (हिल पार्क, पहलगाम) हैं। पूछताछ में इन दोनों ने हमले में शामिल तीन हथियारबंद आतंकियों की पहचान उजागर कर दी है।
हमलावर थे पाकिस्तानी, लश्कर-ए-तैयबा से नाता
जांच में यह भी पुष्टि हुई है कि हमले में शामिल सभी तीनों आतंकवादी पाकिस्तान के नागरिक थे और प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े हुए थे। NIA के अनुसार, परवेज़ और बशीर ने हमले से पहले इन आतंकियों को हिल पार्क स्थित एक मौसमी ढोक में जानबूझकर शरण, भोजन और रसद सामग्री मुहैया कराई।
धार्मिक पहचान के आधार पर की गई थी हत्या
22 अप्रैल को हुए इस जघन्य हमले में आतंकियों ने धार्मिक पहचान के आधार पर पर्यटकों की चयनित हत्या की थी, जिसे अब तक के सबसे नृशंस आतंकी हमलों में गिना जा रहा है। यह हमला देश की आतंरिक सुरक्षा को झकझोर देने वाला साबित हुआ था।
कानूनी कार्रवाई और आगे की जांच
NIA ने दोनों आरोपियों को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (UAPA) की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया है। फिलहाल मामले में गहन जांच जारी है और अन्य सहयोगियों और संभावित साजिशकर्ताओं की तलाश भी की जा रही है। इस हमले के बाद संसद में विपक्षी दलों ने भी देश की सुरक्षा पर गहन बहस की मांग की है। कांग्रेस ने भारत की 'पोस्ट-पहलगाम' सुरक्षा नीति पर संसद में पूरा विमर्श कराने की मांग की है।