जम्मू-कश्मीर चुनाव पर बोलीं महबूबा मुफ्ती, कांग्रेस-NC के लिए छोड़ देंगे सभी सीटें; अगर...
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जम्मू-कश्मीर चुनाव पर बोलीं महबूबा मुफ्ती, कांग्रेस-NC के लिए छोड़ देंगे सभी सीटें; अगर...

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन के लिए उनकी पार्टी सभी विधानसभा सीटें छोड़ देगी. लेकिन...


PDP chief Mehbooba Mufti: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कहा कि अगर कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन पीडीपी के एजेंडे को स्वीकार करने के लिए तैयार है तो उनकी पार्टी सभी विधानसभा सीटें उसके लिए छोड़ देगी.

मुफ्ती ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए घोषणापत्र जारी करते हुए कहा कि गठबंधन और सीट बंटवारे को भूल जाइए. अगर कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) हमारे एजेंडे को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं कि कश्मीर मुद्दे का समाधान आवश्यक है और मार्गों को खोलने पर हम उन्हें सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए कहेंगे और हम आपका अनुसरण करेंगे. क्योंकि, मेरे लिए कश्मीर समस्या का समाधान किसी भी अन्य चीज़ से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है.

उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया, जिसके साथ पीडीपी ने पहले गठबंधन सरकार बनाई थी. उन्होंने कहा कि चाहे आप मुझे तीन या चार सीटें दें. मेरे लिए इसका कोई मतलब नहीं है. जब हमने कांग्रेस या भाजपा के साथ गठबंधन किया था तो यह हमारे एजेंडे में था. एनसी और कांग्रेस ने किसी एजेंडे पर गठबंधन नहीं किया है, बल्कि सीटों के बंटवारे के लिए किया है और हम ऐसे गठबंधन की बात नहीं करेंगे, जिसमें केवल सीटों के बंटवारे की बात हो.

पीडीपी घोषणापत्र

पीडीपी ने अपने चुनाव घोषणापत्र में जम्मू और कश्मीर को उसकी "मूल स्थिति" में बहाल करने का वादा किया है और भारत और पाकिस्तान के बीच विश्वास-निर्माण उपायों (सीबीएम) और क्षेत्रीय सहयोग की वकालत की है. इसमें कहा गया है कि पीडीपी संवैधानिक गारंटियों को बहाल करने के अपने प्रयास में दृढ़ है, जिन्हें अन्यायपूर्ण तरीके से खत्म कर दिया गया था और जम्मू और कश्मीर को उसकी मूल स्थिति में बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है, यह सुनिश्चित करते हुए कि इसके लोगों की आवाज सुनी जाए और उनके अधिकारों की रक्षा की जाए.

घोषणापत्र में कहा गया है कि 2019 में अनुच्छेद 370 और 35ए को "असंवैधानिक और अवैध तरीके से निरस्त" करने से "कश्मीर समस्या और जटिल हो गई है, जिससे क्षेत्र के लोगों में अलगाव की भावना और गहरी हो गई है. घोषणापत्र में सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए), गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और शत्रु अधिनियम को निरस्त करने का प्रयास किया गया है और कहा गया है कि यह सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (एएफएसपीए) को निरस्त करने के लिए प्रतिबद्ध है. बता दें कि 90 सदस्यीय जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए चुनाव तीन चरणों में होंगे- 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्तूबर. मतों की गिनती 4 अक्टूबर को होगी.

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