दिल्ली वालों को मिलती रहेगी बिजली सब्सिडी, CNG ऑटो भी नहीं होंगे बंद
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दिल्ली वालों को मिलती रहेगी बिजली सब्सिडी, CNG ऑटो भी नहीं होंगे बंद

दिल्ली की भाजपा सरकार ने 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त को जारी रखने का निर्णय लिया है लेकिन सवाल ये है कि आखिर संकल्प पत्र में 300 यूनिट तक मुफ्त देने के वादे का क्या हुआ?


Delhi Electricity Subsidy : दिल्ली में सत्ता संभालने के कुछ ही हफ्तों बाद भाजपा सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राजधानी के लाखों परिवारों और ऑटो चालकों को राहत की सांस दी है। सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह तय किया गया कि दिल्ली में 200 यूनिट तक फ्री बिजली की योजना आगे भी जारी रहेगी, साथ ही सरकार ने यह भी साफ किया कि सीएनजी ऑटो बंद नहीं किए जाएंगे।



बिजली बिल में राहत बरकरार

दिल्ली के बिजली मंत्री आशीष सूद ने प्रेस वार्ता में कहा कि “कुछ लोग जनता के बीच भ्रम फैला रहे थे कि बिजली सब्सिडी खत्म कर दी जाएगी। अब उनके मुंह पर ताले लग जाएंगे।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सब्सिडी न केवल आम उपभोक्ताओं के लिए, बल्कि किसानों, 1984 दंगा पीड़ितों, वकीलों के चैम्बर को मिलने वाली सब्सिडी और झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों को भी जारी रहेगी। मंत्री ने यह फैसला विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए "दुष्प्रचार का अंत" बताया।


सीएनजी ऑटो चालकों को भी राहत

बीते दिनों सोशल मीडिया और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह चर्चा चल रही थी कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के नाम पर सीएनजी ऑटो पर रोक लगाने वाली है। इससे ऑटो चालकों में भारी चिंता देखी गई।

हालांकि दिल्ली के परिवहन मंत्री पंकज सिंह ने इन अफवाहों को सिरे से खारिज करते हुए कहा:

"ईवी नीति पर चर्चा जरूर हो रही है, लेकिन ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया है कि सीएनजी ऑटो बंद होंगे। सभी पुराने ऑटो चलेंगे और किसी की रोज़ी-रोटी पर आंच नहीं आएगी।"

वादा अधूरा

जहां भाजपा सरकार इन फैसलों को जनहितैषी बता रही है, वहीं विपक्ष ने सरकार को उसके चुनावी वादों की याद दिलाई है। दरअसल, चुनाव से पहले भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में वादा किया था कि 300 यूनिट तक बिजली मुफ्त दी जाएगी। लेकिन अब तक केवल 200 यूनिट तक की राहत ही मिल रही है — जो कि पिछली आम आदमी पार्टी सरकार की नीति के बराबर है। फिलहाल आम आदमी पार्टी व कांग्रेस ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है लेकिन सूत्रों का कहना है कि जल्द ही दोनों ही पार्टियों की तरफ से दिल्ली की भाजपा सरकार को इस विषय में घेरने की कोशिश रहेगी।




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