फूलपुर में 'केशव' की अग्निपरीक्षा, सपा के 'सरोज' दिखा पाएंगे दम?
उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। फूलपुर उनमें से एक है।
Phoolpur Assembly Bypolls: देश के सबसे बड़े सूबे में से एक यूपी का चुनावी नतीजा जब सामने आया तो हैरानी आम और खास दोनों लोगों को हुई। अब जबकि 10 विधानसभाओं के लिए उपचुनाव होने जा रहा है तो सबकी नजर तीन खास सीटों पर है। मिल्कीपुर, कटेहरी और फूलपुर उनमें से एक है। मिल्कीपुर और कटेहरी की जिम्मेदारी जहां योगी आदित्यनाथ ने खुद संभाली है। वहीं फूलपुर की जिम्मेदारी डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने ली है। यह चुनाव बीजेपी के लिए तो अहम है साथ ही में अखिलेश यादव की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। समाजवादी पार्टी ने दलित समाज से आने वाले इंद्रजीत सरोज को प्रभारी बनाया है। केशव और सरोज कौन किस पर भारी पड़ेगा यह तो देखने वाली बात होगी। लेकिन सबसे पहले नजर इस विधानसभा की जातीय गणित पर डालते हैं.
अब यह चुनाव केशव प्रसाद मौर्य.के लिए क्यों अहम है उसे समझिए। केशव प्रसाद मौर्य बड़े बड़े बोल के लिए जाने जाते हैं। हालांकि वो 2022 के विधानसभा चुनाव में सिराथू सीट से चुनाव हार गए थे। चुनाव हारने के बाद भी सामाजिक समीकरण साधने के लिए बीजेपी ने सरकार में जगह दी। लेकिन आम चुनाव के नतीजों के बाद जिस तरह से उन्होंने सरकार से बड़ा संगठन का नारा बुलंद किया उससे इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि सीएम योगी आदित्यनाथ से उनकी नहीं बन रही है। ऐसे में अगर वो इस सीट पर बीजेपी को जीत दिलाने में कामयाब होते हैं तो उनका कद बढ़ेगी। लेकिन यदि नतीजा नकारात्मक होता है तो निश्चित तौर पर साख पर असर पड़ेगा।