
लखनऊ का नया राष्ट्र प्रेरणा स्थल: क्या सच में सभी भारतीयों को देता है प्रेरणा?
UP News: लखनऊ में नए राष्ट्र प्रेरणा स्थल का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया, लेकिन इसके साथ ही सवालों की बहार भी खड़ी हो गई है।
rashtriya prerna sthal: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बने राष्ट्र प्रेरणा स्थल का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इस प्रेरणा स्थल में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की ऊंची-ऊंची प्रतिमाएं लगाई गई हैं। हालांकि, इस प्रेरणा स्थल को लेकर राजनीतिक विवाद भी शुरू हो गया है। इसको लेकर सवाल उठने लगे हैं कि क्या 96 प्रतिशत आबादी के किसी महापुरुष की मूर्ति क्यों नहीं बनाई गई? क्या यह स्थल सच में 'राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल' है या केवल कुछ वर्ग विशेष को दिया जाने वाला मैसेज है?
एआईएमआईएम का सवाल
एआईएमआईएम के नेता और प्रवक्ता असीम वकार ने कहा कि इस स्थल पर सिर्फ 4 प्रतिशत आबादी वाले ब्राह्मणों की तीन मूर्तियां लगाई गई हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह प्रेरणा स्थल है या पंडा स्थल? उन्होंने आगे कहा कि बाकी 96 प्रतिशत आबादी के किसी महापुरुष की मूर्ति क्यों नहीं है। असीम वकार ने कहा कि पीएम मोदी लखनऊ में उद्घाटन करने आए हैं। इस स्थल का नाम बीजेपी ने “प्रेरणा स्थल” रखा है। इसमें तीन बड़ी मूर्तियां लगाई गई हैं: दीनदयाल उपाध्याय, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और अटल बिहारी वाजपेयी। पूरे भारत में ब्राह्मणों की आबादी सिर्फ 4–5 प्रतिशत है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या 96 प्रतिशत में से कोई महापुरुष नहीं मिला, जिसकी मूर्ति लगाई जा सके। उन्होंने कहा कि ये सभी लोग आरएसएस से जुड़े हुए थे, इसलिए क्या यह वास्तव में आरएसएस प्रेरणा स्थल है?
दलित और ओबीसी नेताओं की कमी
असीम वकार ने यह भी कहा कि दलित और पिछड़े वर्ग के नेता जैसे अखिलेश यादव ने भी इस पर कोई सवाल नहीं उठाया। उन्होंने पूछा कि क्यों कुर्मी, लोध, ओबीसी और दलित वर्ग के किसी महापुरुष की मूर्ति नहीं बनाई गई। वकार ने पीएम मोदी से सवाल किया कि क्या उन्हें इस बात की कमी महसूस नहीं होती कि इस स्थल पर अन्य जातियों के महापुरुषों की मूर्ति नहीं है। उनका कहना था कि इसे पंडित प्रेरणा स्थल, पंडा प्रेरणा स्थल, आरएसएस प्रेरणा स्थल या ब्राह्मण प्रेरणा स्थल क्यों नहीं कहा जाना चाहिए। उन्होंने बीजेपी से पूछा कि ब्राह्मणों को क्या संदेश दिया जा रहा है और यह स्थल किसको प्रेरणा देने वाला है।

