चिनाब पर चली विकास की वंदे भारत, कश्मीर हुआ और करीब
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चिनाब पर चली विकास की वंदे भारत, कश्मीर हुआ और करीब

पीएम मोदी ने चिनाब पुल का उद्घाटन कर कश्मीर रेल सेवा को राष्ट्र को समर्पित किया। साथ ही ₹46,000 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात दी।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार, 6 जून को जम्मू-कश्मीर में विकास के एक नए अध्याय की शुरुआत करते हुए चिनाब नदी पर बने विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम लंबे समय से प्रतीक्षित कश्मीर रेल सेवा के राष्ट्र को समर्पण से ठीक पहले हुआ।

उधमपुर स्थित एयरफोर्स स्टेशन पर उतरने के बाद प्रधानमंत्री मोदी चिनाब पुल स्थल पहुंचे और इस इंजीनियरिंग चमत्कार का औपचारिक उद्घाटन किया। यह दौरा ऑपरेशन सिंदूर के बाद उनका जम्मू-कश्मीर का पहला दौरा है। अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की जान जाने के बाद भारतीय सेना ने सीमा पार कर यह जवाबी सैन्य कार्रवाई की थी।


चिनाब नदी पर बना यह ऐतिहासिक पुल उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (USBRL) परियोजना का हिस्सा है, जिसने अब कश्मीर को रेल मार्ग से देश के अन्य हिस्सों से जोड़ दिया है। इसी परियोजना के तहत भारत का पहला केबल-स्टे अंजी पुल भी प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटित किया गया।

मोदी ने वंदे भारत एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाई, जो अब श्री माता वैष्णो देवी कटरा से श्रीनगर और फिर वापस चलेगी। ये ट्रेनें कश्मीर के निवासियों, पर्यटकों और श्रद्धालुओं को तेज, आरामदायक और विश्वसनीय यात्रा विकल्प प्रदान करेंगी।

43,780 करोड़ में बनी परियोजना, 36 सुरंगें और 943 पुल

USBRL परियोजना को लगभग ₹43,780 करोड़ की लागत से निर्मित किया गया है। इसमें कुल 36 सुरंगें (119 किमी लंबी) और 943 पुल शामिल हैं। इस परियोजना का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर को हर मौसम में निर्बाध रेल संपर्क उपलब्ध कराना है, जिससे क्षेत्रीय गतिशीलता बढ़ेगी और सामाजिक-आर्थिक समावेश को बल मिलेगा।

वैष्णो देवी में 46,000 करोड़ के विकास कार्यों की सौगात

प्रधानमंत्री मोदी ने रियासी ज़िले के त्रिकुटा पर्वत पर स्थित वैष्णो देवी मंदिर के आधार शिविर कटरा से ₹46,000 करोड़ से अधिक की लागत वाली विकास परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और राष्ट्र को समर्पण भी किया।यह दौरा न सिर्फ एक बुनियादी ढांचे के चमत्कार को समर्पित करने का प्रतीक है, बल्कि कश्मीर के साथ केंद्र के जुड़ाव को भी दर्शाता है। इससे पहले कभी इतनी बड़ी रेलवे और आधारभूत संरचना परियोजनाएं घाटी में एकसाथ पूरी नहीं हुई थीं।

(एजेंसी इनपुट्स सहित)

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