जानें क्या है ओडिशा सरकार की ‘सुभद्रा योजना’? कैसे करेगी महिलाओं को सशक्त
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जानें क्या है ओडिशा सरकार की ‘सुभद्रा योजना’? कैसे करेगी महिलाओं को सशक्त

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा में महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए 'सुभद्रा योजना' का आधिकारिक रूप से शुभारंभ किया.


PM Narendra Modi launched Subhadra Yojana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (17 सितंबर) को ओडिशा में महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए बनाई गई कल्याणकारी योजना 'सुभद्रा योजना' का आधिकारिक रूप से शुभारंभ किया. इस योजना के तहत 21 से 60 वर्ष की आयु की पात्र महिलाओं को सालाना 10,000 रुपये दिए जाएंगे. इस योजना के काम करने के तरीके, इसका लाभ किसे मिल सकता है और इसका व्यापक संदर्भ क्या है, आइए जानते हैं.

सुभद्रा योजना

इस योजना का नाम ओडिशा के प्रमुख देवता भगवान जगन्नाथ की छोटी बहन देवी सुभद्रा के नाम पर रखा गया है. देवताओं की इस अत्यंत पूजनीय त्रयी में भगवान जगन्नाथ को हमेशा सुभद्रा और उनके बड़े भाई बलभद्र के साथ दर्शाया जाता है, जो मुख्य रूप से राज्य में पारिवारिक एकता और भक्ति का प्रतीक है.

प्रमुख विशेषता

वार्षिक वित्तीय सहायता के तहत पात्र महिलाओं को हर साल 10,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे. धनराशि दो किस्तों में वितरित की जाएगी. रक्षा बंधन पर 5,000 रुपये और अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) पर 5,000 रुपये. इसके लिए 21 से 60 वर्ष की आयु की वे महिलाएं, जो विशिष्ट मानदंडों को पूरा करती हैं, पात्र होंगी. हालांकि, धनी परिवारों की महिलाएं, सरकारी कर्मचारी, आयकरदाता और अन्य सरकारी योजनाओं से पहले से ही 18,000 रुपये या उससे अधिक वार्षिक आय प्राप्त करने वाली महिलाएं इस योजना से बाहर रहेंगी.

वितरण प्रणाली

डीबीटी: वित्तीय सहायता सीधे लाभार्थी के आधार से जुड़े एकल-धारक बैंक खाते में जमा की जाएगी, जिससे पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित होगी.

अनिवार्य ई-केवाईसी: लाभार्थियों को भाग लेने के लिए ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करनी होगी.

सुभद्रा डेबिट कार्ड: कार्यक्रम में शामिल प्रत्येक महिला को धनराशि प्राप्त करने के लिए एक विशेष डेबिट कार्ड मिलेगा.

डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन: सबसे अधिक डिजिटल लेनदेन करने वाली महिलाओं को 500 रुपये का बोनस मिलेगा, जिससे वित्तीय साक्षरता और समावेशन को बढ़ावा मिलेगा.

पंजीकरण प्रक्रिया

कोई समय सीमा नहीं: महिलाएं इस योजना से लाभ उठाने के लिए कभी भी पंजीकरण करा सकती हैं और नामांकन प्रक्रिया पूरे ओडिशा में बैंकों, डाकघरों और सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से चल रही है.

व्यापक भागीदारी: इस योजना के लिए 50 लाख से अधिक महिलाएं पहले ही पंजीकरण करा चुकी हैं और यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं कि सभी पात्र महिलाएं इसमें शामिल हों.

वित्तपोषण और बजट

पांच वर्षीय बजट: राज्य सरकार ने 2024-29 तक पांच वर्षों के लिए इस योजना के वित्तपोषण के लिए 55,825 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.

प्रथम वर्ष का आवंटन: वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कार्यक्रम के प्रारंभिक चरण को कवर करने के लिए 10,000 करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं.

राजनीतिक संदर्भ

सुभद्रा योजना भाजपा के चुनाव अभियान का एक प्रमुख वादा था और ओडिशा में उनकी हालिया जीत में इसने बड़ी भूमिका निभाई. यह बीजद के लंबे समय से चले आ रहे मिशन शक्ति कार्यक्रम का मुकाबला करने के लिए एक रणनीतिक प्रयास है, जिसने वर्षों तक महिला स्वयं सहायता समूहों का समर्थन करके बीजद के प्रभुत्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

इस योजना के साथ भाजपा सीधे महिला मतदाताओं को लक्षित कर रही है, न केवल सशक्तीकरण बल्कि ठोस वित्तीय लाभ का वादा कर रही है. सुभद्रा योजना राजनीतिक रणनीतियों और शासन में महिला कल्याण के बढ़ते महत्व को दर्शाती है और इसका उद्देश्य ओडिशा में 1 करोड़ से अधिक महिलाओं के जीवन पर स्थायी प्रभाव डालना है.

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