
लदाख में हुए हिंसक प्रदर्शन के मामले में सोनम वांगचुक गिरफ्तार
सोनम वांगचुक लम्बे समय से लदाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग करते हुए धरने पर बैठे थे. डॉन दिन पहले जब हिंसा हुई तो उन्होंने इसे काफी दुखद बताया था.
Sonam Wangchuk Arrested : लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर सक्रिय समाजसेवी सोनम वांगचुक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने भड़काऊ बयान देकर भीड़ को उकसाया। गौरतलब है कि गिरफ्तारी से एक दिन पहले ही वांगचुक ने कहा था कि वह इस आंदोलन के लिए किसी भी समय गिरफ्तार होने को तैयार हैं।
गृह मंत्रालय ने हाल ही में उनकी संस्था स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) का पंजीकरण भी रद्द कर दिया है। इसके बाद संस्था अब विदेश से चंदा नहीं ले पाएगी। मंत्रालय ने यह कार्रवाई विदेशी अंशदान (नियमन) अधिनियम, 2010 के तहत की है।
वांगचुक, जिन्हें 2018 में रैमन मैग्सेसे अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था, ने केंद्र सरकार और प्रशासन के सभी आरोपों को खारिज किया है। दो दिन पहले हुई हिंसा में चार लोगों की मौत और 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इसी घटना के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई तेज हुई।
हालाँकि मीडिया के समक्ष सोनम वांगचुक ने कहा कि उनकी संस्था ने कभी विदेशी चंदा नहीं लिया। हाँ, संयुक्त राष्ट्र, स्विट्जरलैंड और इटली की कुछ संस्थाओं के साथ व्यावसायिक समझौते जरूर हुए हैं और उस पर टैक्स भी चुकाया गया है।
वांगचुक के शब्दों में, “सरकार ने इसे विदेशी योगदान समझने में गलती की। यह असल में विदेशी फंडिंग नहीं है।”
2019 में जब लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था, तो स्थानीय लोगों ने इस फैसले का स्वागत किया था। लेकिन समय के साथ अब लोग राज्य का दर्जा मांगने लगे हैं। मौजूदा हालात को देखते हुए इस पर भी चर्चा है कि कहीं इसमें बाहरी ताकतों और कुछ स्थानीय समूहों का दखल तो नहीं।
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