ELV पर दिल्ली में सियासी घमासान: आप-भाजपा आमने-सामने, जनता परेशान
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ELV पर दिल्ली में सियासी घमासान: आप-भाजपा आमने-सामने, जनता परेशान

आप और भाजपा इस मुद्दे पर राजनीती करते हुए एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं. लेकिन जनता को क्या राहत मिल पायेगी, इस पर कोई स्पष्टता नहीं है.


ELV पर राजनीती बरकरार : एंड ऑफ़ लाइफ व्हीकल्स (ELV) को लेकर दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के बीच सियासी जंग छिड़ गई है। दोनों दल एक-दूसरे पर दिल्ली की जनता को परेशान करने और राजनीतिक लाभ लेने का आरोप लगा रहे हैं।

AAP के आरोप: कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आरोप

आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने दिल्ली की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आतिशी ने कहा कि जिस तरह से दिल्ली की सड़कों से एक साथ 62 लाख वाहन (40 लाख दोपहिया और 20 लाख चौपहिया) हटाए जा रहे हैं, उससे साफ है कि भाजपा सरकार वाहन कंपनियों को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है। उनके अनुसार, इतनी बड़ी संख्या में वाहनों के हटने से लोगों को नए वाहन खरीदने होंगे, जिससे ऑटोमोबाइल कंपनियों को सीधा लाभ मिलेगा। आतिशी ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार चाहती तो अध्यादेश (ordinance) लाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को बदल सकती थी, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।

भाजपा सरकार का जवाब: पिछली AAP सरकार को ठहराया जिम्मेदार

दिल्ली की भाजपा सरकार के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने AAP के आरोपों का खंडन करते हुए पलटवार किया है। सिरसा ने कहा कि दिल्ली की मौजूदा स्थिति के लिए पूर्व की AAP सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि 10 साल तक केजरीवाल सरकार के शासनकाल में दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) को 10 और 15 साल पुराने वाहनों को सड़कों से हटाने का आदेश देना पड़ा। सिरसा ने यह भी बताया कि पिछले साल केजरीवाल सरकार ने ही दिल्ली के सभी पेट्रोल पंप पर कैमरे लगवाए थे, जिनकी मदद से आज इन ELV वाहनों की पहचान की जा रही है।

जनता को राहत या सियासी दांव?

इस आरोप-प्रत्यारोप के बीच यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या दिल्ली की जनता को ELV के मुद्दे पर कोई वास्तविक राहत मिल पाती है, या फिर यह सिर्फ राजनीतिक सरगर्मी बढ़ाने का एक और माध्यम बनकर रह जायेगा। दिल्ली में लाखों वाहन मालिकों के लिए यह एक बड़ी समस्या है और दोनों दलों की बयानबाजी के बीच जनता समाधान की उम्मीद कर रही है।


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