
जो दिया जला सकता है, वो कुछ भी जला सकता है’,आज़म खान के बयान से हलचल
23 महीने बाद जेल से बाहर आए पार्टी के आज़म ख़ान ने दीपोत्सव के आयोजन को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘जो लोग दीये जलाते हैं वो कुछ भी जला सकते हैं।
दिवाली और दीये पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान से उठा विवाद अभी थमा नहीं था कि जेल से बाहर आए आज़म ख़ान ने भी दीपोत्सव की वजह से दीयों पर बयान दे डाला।आज़म ने सरकार और बीजेपी पर निशाना साधने के लिए जो कहा उससे नया विवाद खड़ा हो गया।आज़म ख़ान ने कहा ‘जो लोग दीये जलाते हैं वो कुछ भी जला सकते हैं।’ हालांकि संभलते हुए आज़म ने यह बात कही।उन्होंने कहा कि दिवाली पर दीये जलते नहीं रोशन होते हैं।
दीपोत्सव के आयोजन कर सवाल उठाते हुए यूपी सरकार की आलोचना करते हुए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दीया और मोमबत्ती को लेकर जो बयान दिया उसपर विवाद अभी थमा नहीं था कि 23 महीने बाद जेल से बाहर आए पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म ख़ान एक कदम आगे निकल गए।उन्होंने दीपोत्सव के आयोजन की ओर संकेत करते हुए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘जो लोग दीये जलाते हैं वो कुछ भी जला सकते हैं।’ हालाँकि शब्दों के माहिर आज़म ख़ान ने अपने अंदाज़ में कहा कि ‘दीवाली पर दीये जलते नहीं रोशन होते हैं।जो लोग दीये जलाते हैं वो कुछ भी जला सकते हैं।लेकिन जो लोग दीये रोशन करते हैं उनका मकसद सिर्फ़ उजाला देना होता है, नफ़रत के अंधेरे को मिटाना होता है।’ आज़म ख़ान ने यह भी कहा कि ‘वो लोग मेरे लिए क़ाबिल- ए-कद्र हैं।मैं उनकी सराहना करता हूँ।’
यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री आज़म ख़ान 23 महीने बाद सीतापुर जेल से बाहर आए हैं।रामपुर में समाचार एजेंसी से बात करते हुए उन्होंने यह बयान दिया।आज़म ख़ान के बयान को सीधे तौर पद योगी सरकार पर निशाने के तौर पर देखा जा रहा है।सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी दीपोत्सव पर सवाल उठाने के लिए दीये और मोमबत्ती पर खर्च को लेकर बयान दिया था जिसके बाद से बीजेपी लगातार हमलावर है।
आज़म ख़ान से पिछले दिनों अखिलेश यादव रामपुर जाकर मिले थे।आज़म ख़ान ने पहली बार ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद पर बोलते हुए इस पर हुई कार्रवाई को माहौल बिगाड़ने की साज़िश बताया।आज़म ख़ान में कहा ‘अगर मैं इसे चिंगारी भी कहूँ तो यह छोटी सी बात इतनी बड़ी आग कैसे बन गई ? आज़म ख़ान को वापसी के बाद अब तक कोई सक्रिय भूमिका नहीं मिली है।अज़ अपना इलाज करा रहे हैं लेकिन उनके आने के बाद यूपी में मुस्लिम पॉलिटिक्स में असर का राजनीतिक विश्लेषक आकलन कर रहे हैं।ऐसे में आज़म ख़ान के बयान पर चर्चा हो रही है।