
AIADMK में सत्ता संघर्ष तेज, सेंगोट्टैयन निष्कासित
AIADMK में यह आंतरिक कलह और निष्कासन पार्टी की स्थिरता और आगामी तमिलनाडु विधानसभा चुनाव पर बड़ा असर डाल सकता है। वरिष्ठ नेताओं के बीच यह विवाद चुनावी रणनीति और गठबंधन पर भी प्रभाव डाल सकता है।
तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कजगम (AIADMK) में आंतरिक कलह तेज हो गई है। वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री केए सेंगोट्टैयन को शुक्रवार (31 अक्टूबर) को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। पार्टी के महासचिव एडप्पाड़ी के पलानीस्वामी (EPS) द्वारा इस फैसले की घोषणा ने निष्कासित विरोधियों जैसे ओ पन्नीरसेल्वम (OPS) और टीटीवी धिनाकरन के बीच तीखी प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की हैं। वहीं, दिवंगत जे जयललिता की करीबी सहयोगी शशिकला ने इसे “बालसुलभ और आत्म-विनाशकारी” करार दिया।
सेंगोट्टैयन का पलटवार
गोबिचेट्टिपालयम से विधायक और पांच दशकों से पार्टी में सक्रिय सेंगोट्टैयन ने गोबिचेट्टिपालयम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान EPS पर DMK की “A-टीम” होने का आरोप लगाया। सेंगोट्टैयन ने कहा कि EPS को धोखे के लिए नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए। वह खुद DMK की A-टीम है और मुझे उनका B-टीम कहता है? उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि निष्कासन आदेश बिना नोटिस दिए जारी किया गया और इससे उनकी सभी पार्टी पदों की सदस्यता रद्द कर दी गई। उन्होंने कानूनी कार्रवाई का भी संकेत दिया। सेंगोट्टैयन ने कहा कि मैं जल्द ही अगले कदमों की घोषणा करूंगा। मेरा लक्ष्य पार्टी के लिए काम करना जारी रखना है।
EPS का हमला
EPS ने निष्कासन का बचाव करते हुए इसे "एंटी-पार्टी गतिविधियों" का परिणाम बताया। सलेम में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने सेंगोट्टैयन पर पिछले छह महीनों से पार्टी को कमजोर करने का आरोप लगाया। EPS ने कहा कि विश्वासघाती पार्टी के प्रति वफादार नहीं हो सकते। हमने पहले DMK को सत्ता में लाया है, OPS और अन्य इसे फिर करना चाहते हैं। हम किसी को भी AIADMK को कमजोर करने की अनुमति नहीं देंगे।
सेंगोट्टैयन ने EPS के नेतृत्व की आलोचना की
सेंगोट्टैयन ने EPS के नेतृत्व की आलोचना करते हुए कहा कि अम्मा की मौत के बाद EPS ने हमें हर चुनाव में हार दिलाई — 2019 और 2021 की स्थानीय चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनाव में बड़ी हार। MGR के समय हार नहीं हुई थी; जयललिता ने हार को जीत में बदल दिया। EPS के तहत? दस लगातार मुकाबलों में शून्य जीत। उन्होंने अपने राजनीतिक सफर का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने 1972 में MGR के साथ राजनीति शुरू की और पार्टी के लिए दिन-रात मेहनत की। सेंगोट्टैयन ने कहा कि उन्होंने दो बार पार्टी को अलग होने से रोकने का अवसर ठुकराया, ताकि पार्टी टूट न जाए।
धिनाकरन और शशिकला का EPS पर हमला
AMMK प्रमुख TTV धिनाकरन ने EPS को "हिटलर मानसिकता" वाला और DMK की "A-टीम" का हिस्सा बताते हुए निष्कासन को "स्वार्थपरक" करार दिया। उन्होंने कहा कि यह युद्ध शुरू हो गया है और EPS को हार का सामना करना पड़ेगा। सेंगोट्टैयन को हटाने का अधिकार EPS को नहीं है। शशिकला ने भी कहा कि सेंगोट्टैयन को निष्कासित करना गहरा दुखद और पूरी तरह से बालसुलभ है। ऐसे कार्य पार्टी को नष्ट करते हैं। यह जैसे किसी शाखा पर बैठकर उसे काट देना हो — AIADMK के बड़ के पेड़ के लिए विनाशकारी। इसे अब सुधारा जाए।

