
लालू परिवार 20 साल बाद खाली कर रहा है सरकारी आवास, राबड़ी देवी का सामान शिफ्ट होने लगा
मीडिया रिपोर्ट्स बता रही हैं कि बिहार में राबड़ी आवास से सामान की शिफ्टिंग शुरू हो गई है। गुरुवार रात 4 से 5 छोटी गाड़ियां पटना में 10 सर्कुलर रोड स्थित सरकारी आवास (राबड़ी आवास) पहुंचीं जिनसे सामान भेजा गया।
पूर्व मुख्यमंत्री और बिहार विधान परिषद में नेता विपक्ष राबड़ी देवी को आखिरकार अपना सरकारी आवास छोड़ना ही पड़ रहा है। एक महीने पहले ही उन्हें बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग की तरफ से घर खाली करने का नोटिस मिला था। अब मीडिया रिपोर्ट्स बता रही हैं कि कल आधी रात को राबड़ी आवास से छोटी-छोटी गाड़ियों से सामान शिफ्ट किया गया।
आधी रात में शिफ्टिंग
राबड़ी आवास में फिलहाल लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और उनका परिवार रहता है। आवास को खाली करने की प्रक्रिया पिछले कुछ दिनों से चल रही है। पूरा सामान धीरे-धीरे महुआ बाग और आर्य समाज रोड स्थित आवास पर ले जाया जा रहा है। इस आवास को चरणबद्ध तरीके से खाली किया जाने लगा है।
ये शिफ्टिंग ऐसे वक्त हो रही है जब RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव दिल्ली में हैं। तेजस्वी भी पटना में नहीं हैं। घर में कोई पुरुष नहीं है। हालांकि, आरजेडी की तरफ से फिलहाल सामान शिफ्ट किए जाने को लेकर कोई पुष्टि नहीं की गई है। भवन निर्माण विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि बिहार विधान परिषद के नेता विपक्ष के लिए पटना केंद्रीय पुल की आवास संख्या 39 हार्डिंग रोड अलॉट किया गया है।
नोटिस का दिन
25 नवंबर को भवन निर्माण विभाग ने राबड़ी देवी को ये नोटिस भेजा था। नोटिस के खिलाफ लालू परिवार एकजुट दिखा। लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा- 'छोटे भाई ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और बड़े भाई के बंगले को खाली करने का आदेश दे दिया। लालू जी और उनका परिवार अब 10 सर्कुलर रोड के बंगले में नहीं रहेगा। 28 साल से जिस आवास से बिहार और राजद के लाखों कार्यकर्ताओं का एक भावुक रिश्ता जुड़ा था, उसे एक सरकारी नोटिस में खत्म कर दिया गया है। इस घर के जाने के साथ ही नीतीश जी और लालू जी के बीच के भैयारी वाले नैतिक रिश्ते का भी अंत हो गया है।'
बंगले की पृष्ठभूमि
23 जून, 1997 को लालू प्रसाद यादव समेत 55 लोगों के खिलाफ CBI ने चारा घोटाला मामले में चार्जशीट दाखिल की थी। उनके खिलाफ 63 केस दर्ज किए गए। गिरफ्तारी का आभास पाकर लालू ने 25 जुलाई 1997 की शाम इस्तीफे का ऐलान किया और पत्नी राबड़ी देवी को सीएम बनवा दिया।
पत्नी को CM बनाने के बाद 30 जुलाई, 1997 को लालू यादव ने चारा घोटाला मामले में सरेंडर कर दिया और दिसंबर 1997 तक जेल में रहे। हालांकि लालू यादव RJD के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहे। इसके बाद राबड़ी देवी को 2005 में 10 सर्कुलर रोड स्थित सरकारी आवास अलॉट किया गया था।

