
अब प्रशिक्षण अकादमी वापस नहीं लौटीं पूजा खेडकर, ‘व्यक्तिगत कारणों’ का दिया हवाला
विवादास्पद आईएएस अधिकारी को एलबीएसएनएए अधिकारियों ने 23 जुलाई को रिपोर्ट करने के लिए कहा था, क्योंकि उनके खिलाफ आरोपों के बाद उनकी परिवीक्षा रोक दी गई थी.
Puja Khedkar: विवादास्पद ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर बुलाने के बावजूद भी आईएएस अकादमी वापस नहीं लौटी हैं. उन्हें मंगलवार ( 23 जुलाई ) तक अकादमी पहुँच कर रिपोर्ट करना था. पूजा खेडकर ट्रेनिंग पर थीं लेकिन विवाद के बाद उन पर चयन प्रक्रिया में अनियमितताओं के आरोप लगने के बाद मसूरी स्थित सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थान में वापस बुलाया गया था.
उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए), जहां आईएएस अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है, ने 16 जुलाई को खेडकर की ट्रेनिंग अवधि पर रोक लगा दी थी और उन्हें 23 जुलाई को रिपोर्ट अकादमी में करने को कहा था. बताया गया है कि खेडकर ने कथित तौर पर "व्यक्तिगत कारणों" का हवाला देते हुए समन में भाग नहीं लिया.
खेडकर के खिलाफ आरोप
32 वर्षीय पूजा खेड़कर पर आरोप है कि हाल ही में महाराष्ट्र के पुणे जिला कलेक्ट्रेट में प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने अनावश्यक भत्ते और सुविधाओं की मांग करके पद और पॉवर के विशेषाधिकारों का दुरुपयोग किया.
ये मामला तब प्रकाश में आया, जब पुणे के कलेक्टर डॉ. सुहास दिवसे ने महाराष्ट्र की मुख्य सचिव सुजाता सौनिक को पत्र लिखकर खेडकर द्वारा की गई मांगों का उल्लेख किया, जबकि एक ट्रेनी के रूप में वो इसकी हकदार नहीं थीं.
खेडकर पर ये भी आरोप लगाया गया कि उन्होंने अपने आस-पास के लोगों को धमकाया था और अपनी निजी ऑडी (एक लग्जरी सेडान) कार के ऊपर लाल-नीली बत्ती (उच्च पदस्थ अधिकारी का संकेत) लगाई थी, जिस पर उनके कार्यकाल के दौरान 'महाराष्ट्र सरकार' भी लिखा हुआ था. बाद में उन्हें पुणे से वाशिम स्थानांतरित कर दिया गया.
एक के बाद एक बढ़ती गयी आरोपों की लिस्ट
पूजा खेडकर के साथ एक बार जो विवाद हुआ उसके बाद उन पर आरोपों की झड़ी लग गयी, जिसमें से एक चयन में अनियमितताओं का आरोप भी सामने आया. इस आरोप के सामने आने के बाद, संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने पिछले सप्ताह कई कार्रवाई की, जिसमें सिविल सेवा परीक्षा में प्रयास करते समय "तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करने और झूठे साबित करने" के लिए उनके खिलाफ पुलिस मामला दर्ज करना भी शामिल है.
यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा-2022 के लिए उनकी उम्मीदवारी रद्द करने और भविष्य की परीक्षाओं और चयनों से रोक लगाने के लिए कारण बताओ नोटिस भी जारी किया. यूपीएससी में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के गैर-क्रीमी लेयर कोटे का लाभ उठाने के लिए, खेडकर ने कथित तौर पर दावा किया था कि उसके माता-पिता अलग हो गए हैं और वो अपनी मां के साथ रह रही है.
अपने मॉक इंटरव्यू के वीडियो में, खेडकर से पूछा गया कि जब उनके पिता सिविल सेवक थे, तो उनके परिवार की आय 'शून्य' क्यों दिखाई गई है, तो पूजा का जवाब था कि उनके माता-पिता अलग हो गए थे और वो अपने पिता के संपर्क में नहीं हैं. नियमों के अनुसार, केवल वे लोग जिनके माता-पिता की आय 8 लाख रुपये प्रति वर्ष से कम है, ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर की श्रेणी में आते हैं.
मां गिरफ्तार
खेडकर की मां मनोरमा वर्तमान में आपराधिक धमकी से संबंधित एक मामले में जेल में बंद हैं, क्योंकि उन्हें पुणे ग्रामीण पुलिस ने एक भूमि विवाद मामले में एक व्यक्ति को बंदूक से धमकाने के आरोप में गिरफ्तार किया था. उनके पिता दिलीप, एक सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी, भी इस मामले में आरोपी हैं और उन्हें पुणे की अदालत से 25 जुलाई तक अंतरिम संरक्षण प्राप्त है.
(एजेंसियों से प्राप्त इनपुट के साथ)
Next Story