पंजाब में जाएगी भगवंत मान की कुर्सी? इस AAP विधायक ने कह दी बड़ी बात
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पंजाब में जाएगी भगवंत मान की कुर्सी? इस AAP विधायक ने कह दी बड़ी बात

Bhagwant Mann: पिछले दिनों दिल्ली में आप नेताओं की बैठक के बाद ऐसी अटकलें लगाई जा रही थी कि भगवंत मान की जगह अरविंद केजरीवाल पंजाब की कमान संभाल सकते हैं.


Punjab top leadership change: दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की करारी हार के बाद लगता है कि पंजाब में भी पार्टी में कुछ सही नहीं चल रहा है. राज्य में नेतृत्व परिवर्तन के कयासों के बीच बगावती सुर उठने लगे हैं. पिछले दिनों दिल्ली में आप (AAP) नेताओं की बैठक के बाद ऐसी अटकलें लगने लगी थी कि भगवंत मान की जगह अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) पंजाब की कमान संभालने जा रहे हैं. हालांकि, बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया था. लेकिन अब पंजाब में एक आप (AAP) विधायक ने मुख्यमंत्री को बदलने की बात कही है.

AAP के विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह साल 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रचार अभियान के पोस्टर बॉय थे. उन्होंने गुरुवार को कहा कि उन्हें लगता है कि अब समय है कि भगवंत मान (Bhagwant Mann) को मुख्यमंत्री के रूप में बदला जाए. उन्होंने पार्टी को इसके कारणों से अवगत भी कराया है. सिंह का यह बयान दिल्ली विधानसभा चुनावों में AAP की निराशाजनक हार और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और पंजाब नेतृत्व के बीच राष्ट्रीय राजधानी में हुई बैठक के संदर्भ में आया है.

सिंह ने कहा कि मैं दिल्ली में पार्टी विधायक की बैठक में नहीं गया. वह बैठक कोई मांग उठाने के लिए नहीं रखी गई थी. यह उच्च अधिकारियों का कम्युनिकेशन बैठक की तरह था. मैंने फोन के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज की और अपनी चिंताएं व्यक्त की. केजरीवाल ने पंजाब में AAP नेताओं को बैठक में बताया कि साल 2027 के चुनावों में राज्य में जीत हासिल करना सबसे अहम है. मैं पंजाब के मुख्यमंत्री को बदलने की मांग कर रहा हूं. मैंने पार्टी को इसके कारण बताए हैं. हम पार्टी के विधायकों की एक बैठक बुलाना चाहते हैं, ताकि वे एक नया नेता चुन सकें. हम विधायक हैं और यह हमारा अधिकार है कि हम सदन के नेता का चुनाव करें.

उन्होंने कहा कि मेरे अनुसार, दिल्ली की हार का कारण पंजाब में खराब शासन है. एक और कारण यह है कि पंजाब में कांग्रेस यह मान कर चल रही है कि वे राज्य में अगली सरकार बनाएंगे. यहां तक कि बीजेपी भी आत्मविश्वास महसूस कर रही है कि वे 2027 में पंजाब में जीत सकेंगे. इसलिए हमें अपने घर को ठीक करना होगा. मैं सिर्फ इतना ही कह सकता हूं. बाकी का फीडबैक मैंने पार्टी को दे दिया है. साल 1998 बैच के IPS अधिकारी रह चुके सिंह अमृतसर उत्तर के विधायक हैं. वह साल 2022 के विधानसभा चुनावों में AAP के हाई प्रोफ़ाइल चेहरों में से एक थे.

साल 2015 के अपवित्रता मामलों में कांग्रेस सरकार द्वारा अदालत में खड़े होने से नाखुश होकर सिंह ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा 9 अप्रैल 2021 को कोटकपूरा फायरिंग मामले में विशेष जांच दल द्वारा की गई जांच रिपोर्ट को रद्द किए जाने के बाद सेवा से जल्दी से सेवानिवृत्त होने का फैसला किया था. उनके इस्तीफा देने की घटना कुछ महीनों बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाने का कारण बनी. बाद में, सिंह AAP में शामिल हो गए और अरविंद केजरीवाल ने उनके चेहरे को अपवित्रता मामलों में न्याय का वादा करने के लिए पेश किया.

AAP की दिल्ली में हार के बाद सिंह ने फेसबुक पर पोस्ट किया कि यह आत्ममंथन का समय है. मैं दिल्ली में AAP की हार से गहरे दुखी हुआ. खासकर वरिष्ठ नेताओं की व्यक्तिगत हार से, जो अत्यंत दर्दनाक है. खासकर जब कांग्रेस के नेता इसमें नमक डाल रहे हैं. यह पंजाब में खराब शासन का स्पष्ट प्रतिबिंब है. जैसे अपवित्रता और कोटकपूरा-Behbal Kalan फायरिंग मामलों में, सरकारी सिस्टम ने दोषियों को जानबूझकर बचाया, यहां तक कि मुख्य दोषी ने श्री अकाल तख्त साहिब पर अपना अपराध कबूल किया— जो मेरी जांच का परिणाम था जो सच साबित हुआ.

उन्होंने कहा कि सरकारी संस्थाओं में जनहित कार्यों के प्रति उदासीनता और असंवेदनशीलता है. साथ ही जिलों और नगरपालिका कार्यालयों में खुलेआम भ्रष्टाचार और जनता का शोषण किया जा रहा है. यह आरोप लगाते हुए कि गैंगस्टर AAP में शामिल हो रहे हैं और ईमानदार पुलिस अधिकारियों का मजाक उड़ा रहे हैं. यह पंजाब में खराब शासन के कुछ उदाहरण हैं, जिन्हें मैंने पहले ही उजागर किया है, खासकर अगस्त में मेरी बैठक में मैडम सुनीता केजरीवाल से. मेरे घरेलू हालात के कारण—खासकर मेरी पत्नी की अचानक और असमय मृत्यु—मैं राजनीति में ज्यादा सक्रिय नहीं रहा हूं. फिर भी, यह सब देखना दर्दनाक है. हालांकि समय बीत चुका है, आत्ममंथन जल्द ही किया जाना चाहिए. मैं पूरी तरह से पार्टी को मजबूत करने और स्वराज के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हूं.

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