पंजाब के मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद किसान यूनियन ने ख़त्म किया प्रदर्शन
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पंजाब के मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद किसान यूनियन ने ख़त्म किया प्रदर्शन

मुख्यमंत्री मान ने भारती किसान यूनियन उग्राहा को ये आश्वासन दिया है 30 सितम्बर तक कृषि निति की प्रति उपलब्ध कराएँगे. यूनियन ने कहा है कि प्रति मिलने के बाद उसकी समीख्सा की जाएगी और फिर आगे की रणनिति तय की जाएगी


Punjab Government Kisan Union: पंजाब की नई कृषि नीति के कार्यान्वयन में कथित देरी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने शुक्रवार (6 सितंबर) को अपनी हड़ताल समाप्त कर दी. एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उन्हें आश्वासन दिया था कि नीति का मसौदा 30 सितंबर तक उनके साथ साझा किया जाएगा.

मान ने उन्हें यह भी आश्वासन दिया कि नीति के कार्यान्वयन से पहले उनके सुझावों को शामिल किया जाएगा. मान ने गुरुवार (5 सितंबर) को भारती किसान यूनियन (उग्राहां) और पंजाब खेत मजदूर यूनियन के नेताओं के साथ दो घंटे से अधिक समय तक बैठक की, जिसमें प्रदर्शनकारी किसानों की मांगों पर चर्चा की गई. भारती किसान यूनियन (उग्राहां) और पंजाब खेत मजदूर यूनियन के बैनर तले किसानों ने कृषि नीति के कार्यान्वयन सहित अपनी मांगों को लेकर रविवार (1 सितंबर) को पांच दिवसीय विरोध प्रदर्शन शुरू किया.

किसान चाहते हैं कि नीति सार्वजनिक की जाए
प्रदर्शन स्थल पर पत्रकारों से बात करते हुए भारती किसान यूनियन (उग्राहां) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उग्रहां ने कहा कि उन्होंने राज्य सरकार से कृषि नीति को सार्वजनिक करने का आग्रह किया है. जोगिन्दर सिंह ने कहा, "उन्होंने (सरकार ने) कहा कि इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 30 सितंबर तक वे इसे अंतिम रूप दे देंगे और इसकी एक प्रति सौंप देंगे." उन्होंने कहा, "हम 30 सितंबर तक इंतजार करेंगे. नीति की प्रति मिलने के बाद हम इसका अध्ययन करेंगे और एक बड़ी बैठक कर अगली कार्रवाई पर निर्णय लेंगे." जोगिन्दर सिंह ने ये भी कहा कि "इस बीच, हमने चंडीगढ़ में दोपहर दो बजे विरोध प्रदर्शन समाप्त करने का निर्णय लिया है."
गुरुवार को जब मान के साथ बैठक के बाद किसानों की आगे की रणनीति के बारे में पूछा गया तो किसान नेता ने कहा कि वे बैठक के बाद फैसला करेंगे.

मान ने किसानों को आश्वासन दिया कि सरकार उनके हितों की रक्षा करेगी
मान ने किसानों को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उनके हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और नई कृषि नीति इस दिशा में एक कदम आगे होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति का मसौदा तैयार है, लेकिन किसानों के साथ विचार-विमर्श के बाद ही इसे अंतिम रूप दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि मसौदा 30 सितंबर तक किसानों के साथ साझा किया जाएगा और उनके सुझाव मांगे जाएंगे. मान ने कहा था कि किसानों के सुझावों को नीति में शामिल किया जाएगा क्योंकि राज्य सरकार उत्पादकों पर कुछ भी थोपना नहीं चाहती है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार कृषि को लाभकारी उद्यम बनाने के लिए किसानों से परामर्श करने के लिए प्रतिबद्ध है.

बैठक के बाद उग्रहान ने कहा कि उन्हें बताया गया कि नीति का 1,600 पृष्ठों का मसौदा 30 सितंबर तक उनके साथ साझा किया जाएगा

पंजाब खेत मजदूर यूनियन के महासचिव लछमन सिंह सेवेवाला ने पहले कहा था कि किसानों की अन्य मांगों में रसायन मुक्त फसलों को बढ़ावा देना, आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजा देना और राज्य में नशीली दवाओं की समस्या पर अंकुश लगाना शामिल है.

( एजेंसी इनपुट्स के साथ )


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