क्या तैयारी की कमी ने पंजाब को डुबो दिया? 15 लाख लोग बेघर
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क्या तैयारी की कमी ने पंजाब को डुबो दिया? 15 लाख लोग बेघर

पंजाब में बाढ़ से 15 लाख लोग प्रभावित और अब 29 की मौत हो चुकी है। 12 जिले और 1000 गांव डूबे हुए हैं। सवाल यह है कि आखिर इसके पीछे की वजह क्या है।


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Punjab Flood News: पंजाब इस वक्त भीषण बाढ़ की चपेट में है। राज्य के 23 में से 12 जिले बुरी तरह प्रभावित हैं और 1000 से अधिक गांव जलमग्न हो चुके हैं। अब तक 29 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 15 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। इनमें से 3 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। पंजाब की सरकार ने कहा कि यह कुदरत का कहर है। सीएम भगवंत मान ने कहा कि इस समय हम सब मुश्किल हालात से गुजर रहे हैं। कुदरत के आगे वो क्या कर सकते हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या किसी सूबे के सीएम से इस तरह के जवाब की अपेक्षा की जाती है। यहां हम समझने की कोशिश करेंगे कि बाढ़ से पंजाब बेहाल क्यों है। यहां बता दें कि पिछले 6 साल में यह तीसरी दफा है जब पंजाब इस तरह की स्थिति का सामना कर रहा है।

नदियों का उफान और फसलों की तबाही

सतलज, ब्यास, रावी और घग्गर नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इनके उफान के कारण हजारों गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति है। करीब 3 लाख एकड़ जमीन पर खड़ी धान, कपास और मक्का जैसी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं।

बारिश और अलर्ट

मौसम विभाग ने पंजाब में भारी बारिश को देखते हुए रेड अलर्ट जारी किया है। ऐसे में जल्द राहत मिलने की संभावना कम है। पिछले छह साल में यह तीसरी बार है जब पंजाब इस तरह की गंभीर बाढ़ का सामना कर रहा है। 2023 और 2019 में भी राज्य में तबाही मच चुकी थी।

पूर्व तैयारी पर उठे सवाल

राज्य में बाढ़ से निपटने की तैयारी को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। फरवरी में होने वाली बाढ़ प्रबंधन बैठक इस साल जून तक टल गई, क्योंकि उस समय राज्य सरकार दिल्ली चुनाव में व्यस्त थी।नदियों और नहरों की सिल्ट सफाई, तटबंधों का रखरखाव और ड्रेनेज व्यवस्था सुधारने जैसे काम समय पर नहीं हुए।

भाखड़ा-नांगल डैम से पानी प्रबंधन पर भी विवाद रहा। हरियाणा और राजस्थान को पानी देने को लेकर खींचतान में समय निकल गया। जब पहाड़ों से भारी मात्रा में पानी आया, तो डैमों से पानी छोड़ना मजबूरी बन गया। माना जा रहा है कि यही बाढ़ का बड़ा कारण बना।

सवालों के घेरे में सरकार

विशेषज्ञों का मानना है कि प्राकृतिक आपदा को पूरी तरह टाला नहीं जा सकता, लेकिन समय रहते तैयारी की जाए तो नुकसान कम किया जा सकता है। पंजाब में हर साल बाढ़ का खतरा बना रहता है, फिर भी पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए। यही वजह है कि लोग अब सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं।

पीएम मोदी और सीएम मान की बातचीत

चीन में आयोजित SCO शिखर सम्मेलन से लौटने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से फोन पर बात की और राज्य की बाढ़ की स्थिति की जानकारी ली। पीएम ने हर संभव मदद का भरोसा भी दिलाया। वहीं, सीएम मान बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर चुके हैं और उन्होंने केंद्र से राहत पैकेज बढ़ाने की मांग की है।

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