पंजाब ने बाढ़ से ₹13,000 करोड़ का नुकसान आँका; मौत का कुल आंकड़ा 51 तक पहुंचा
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पटियाला की शुतराना विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीणों ने शनिवार को हरचंदपुरा में बाँध को मज़बूत किया

पंजाब ने बाढ़ से ₹13,000 करोड़ का नुकसान आँका; मौत का कुल आंकड़ा 51 तक पहुंचा

पंजाब लंबे समय से केंद्र से विशेष राहत पैकेज की माँग कर रहा है ताकि संपत्ति और खेती को हुए नुकसान की भरपाई की जा सके


पंजाब सरकार ने पिछले तीन हफ्तों से जारी बाढ़ से राज्य को हुए नुकसान का अनुमान ₹13,289 करोड़ लगाया है। यह आंकड़ा राज्य सरकार ने दो केंद्रीय अंतर-मंत्रालयी टीमों के सदस्यों को प्रस्तुत किया, जो 4 सितम्बर से पंजाब का दौरा कर नुकसान का आकलन कर रही हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शनिवार को यहाँ एक बैठक हुई, जिसमें राज्य के मुख्य सचिव केएपी सिन्हा की अगुवाई में राज्य का प्रतिनिधिमंडल और केंद्र की टीमें शामिल हुईं। इन टीमों का नेतृत्व राजेश गुप्ता (गृह मंत्रालय) और संतोष कुमार तिवारी (ग्रामीण विकास मंत्रालय) ने किया।

पंजाब लंबे समय से केंद्र से विशेष राहत पैकेज की माँग कर रहा है ताकि किसानों और आम लोगों को संपत्ति तथा फसल के नुकसान की भरपाई मिल सके। साथ ही राज्य चाहता है कि सड़कों, पुलों, कलवर्ट्स, बाढ़ सुरक्षा प्रणाली, बिजली ट्रांसमिशन समेत क्षतिग्रस्त ढाँचे की मरम्मत के लिए भी धन जारी किया जाए। अधिकारियों के अनुसार, गुरदासपुर और अमृतसर ज़िलों की फसलों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है।

अवैध खनन का आरोप ख़ारिज

पंजाब के जल संसाधन मंत्री बरिंदर गोयल ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान के उस आरोप को "निराधार" बताया कि अवैध खनन के कारण बाढ़ आई। गोयल ने कहा कि इसकी वजह सिर्फ़ भारी बारिश थी।

नुकसान का पूरा आकलन पानी घटने के बाद

राज्य सरकार के अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि असली नुकसान का पता तभी चलेगा जब बाढ़ का पानी पूरी तरह उतर जाएगा। “हालाँकि केंद्रीय टीमों ने ज़मीनी हालात का जायजा लिया है, लेकिन पानी घटने के बाद वे एक और सर्वे करने पंजाब लौटेंगी,” एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा।

इसी बीच, केंद्र से वित्तीय मदद की माँग और तेज़ हो रही है। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि केंद्र को कम से कम इतना तो करना चाहिए कि राज्य के बकाया ₹60,000 करोड़ तुरंत जारी करे, जिसमें ₹49,727 करोड़ का जीएसटी मुआवज़ा और ₹8,000 करोड़ के RDF और MDF अनुदान शामिल हैं।

उन्होंने कहा—“लगता है बीजेपी पंजाब और पंजाबियों से नफ़रत करती है। हम देश की ‘तलवार भुजा’ हैं और हर आक्रमण और युद्ध में सबसे आगे रहे हैं। अगर इस सबसे बड़े संकट में हमारी मदद नहीं की गई, तो यह पंजाब और पंजाबियों को और दूर कर देगा।”

प्रधानमंत्री को पत्र

आप सांसद मलविंदर सिंह कांग (आनंदपुर साहिब) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर याद दिलाया कि पिछले साल आंध्र प्रदेश और बिहार को विशेष बजटीय प्रावधानों से विशेष मदद दी गई थी। उन्होंने कहा—“उम्मीद है कि भाजपा-शासित केंद्र पंजाब के प्रति भी वही उदारता दिखाएगा… लेकिन अब तक कोई राहत राज्य तक नहीं पहुँची… यह असमानता दिल को चीरती है।”

खनन पर स्पष्टीकरण

जल संसाधन मंत्री बरिंदर गोयल ने आगे कहा—“बाढ़ की वजह नदी किनारों पर रिकॉर्ड बारिश और पानी का तेज़ बहाव था, खासकर रावी में। रावी में अंतरराष्ट्रीय सीमा की नज़दीकी के कारण खनन बिल्कुल भी अनुमति प्राप्त नहीं है। खनन सिर्फ़ सतलुज नदी की तलहटी में अनुमति प्राप्त है और वह भी एक केंद्रीय वैधानिक निकाय की मंज़ूरी से। धुस्सी बाँधों में जो दरारें आईं, वे नदी के किनारे से पानी के बह जाने के कारण हुईं।”

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