EXCLUSIVE: अकादमी की नहीं थीं मालकिन राधिका यादव सिर्फ सीनियर कोच
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EXCLUSIVE: अकादमी की नहीं थीं मालकिन राधिका यादव सिर्फ सीनियर कोच

गुरुग्राम में टेनिस कोच राधिका यादव की हत्या के पीछे सोशल मीडिया या अकादमी का विवाद नहीं, बल्कि पारिवारिक तनाव और मानसिक अवसाद की गहरी परतें थीं।


Radhika Yadav Murder Case: 25 वर्षीय टेनिस कोच राधिका यादव की उनके ही पिता दीपक यादव द्वारा गोली मारकर हत्या किए जाने की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। शुरुआती मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया था कि हत्या का कारण राधिका की सोशल मीडिया गतिविधियां और उनके पिता से एक टेनिस अकादमी के स्वामित्व को लेकर मतभेद था। लेकिन द फेडरल से बातचीत में एक विश्वस्त सूत्र ने इन दावों पर सवाल उठाए हैं।

'वह सिर्फ़ एक कोच थीं, मालकिन नहीं'

सूत्र के अनुसार, राधिका 'राइडर स्पोर्ट्स अकादमी' में बतौर सीनियर कोच कार्यरत थीं और उनकी दिनचर्या बेहद व्यस्त थी। वह सुबह 6 से 10 बजे और फिर शाम को 3-4 घंटे तक बच्चों को कोचिंग देती थीं। उनके पास कुछ निजी कोचिंग असाइनमेंट भी थे, लेकिन वह अकादमी की मालिक नहीं थीं।वह सिर्फ़ एक अनुभवी कोच थीं, अकादमी की स्वामित्व से उनका कोई लेना-देना नहीं था,” सूत्र ने बताया।

सोशल मीडिया पर लगभग नहीं थी मौजूदगी

मीडिया में यह खबरें भी आई थीं कि दीपक यादव अपनी बेटी की इंस्टाग्राम रील्स और सोशल मीडिया गतिविधियों से नाखुश थे। लेकिन सूत्र ने बताया कि राधिका सोशल मीडिया से लगभग पूरी तरह गायब थीं।छह महीने पहले जब मैंने उनका नाम सर्च किया, तो कोई सोशल मीडिया अकाउंट, फोटो या पोस्ट नहीं मिला,” उन्होंने बताया।अधिकांश समाचार पोर्टल्स केवल उनकी एक किशोरावस्था की तस्वीर का उपयोग कर रहे हैं। सूत्र के अनुसार, उन्होंने राधिका को अकादमी में कभी सेल्फी लेते या सोशल मीडिया पर सक्रिय देखा ही नहीं।

'परिवार रूढ़िवादी था, लेकिन वह मिलनसार थीं'

सूत्र ने यह भी साझा किया कि राधिका ने कभी कहा था, मेरा परिवार बहुत रूढ़िवादी है। इस टिप्पणी ने उन्हें सोचने पर मजबूर कर दिया। एक महिला खिलाड़ी, जिसे लगातार यात्रा करनी पड़ती थी और नए लोगों से मिलना पड़ता था। उसका पारंपरिक परिवार इसे कैसे देखता होगा? राधिका बेहद मिलनसार और जीवंत व्यक्तित्व की थीं, लेकिन उन्होंने अपने 25वें जन्मदिन पर एक सहकर्मी से कहा था,मुझे इसका जश्न मनाने का मन नहीं है। आर्थिक रूप से पूरी तरह निर्भर नहीं था परिवार। यह दावा भी किया गया कि राधिका अकेली कमाने वाली थीं। लेकिन सूत्र ने इस पर भी संदेह जताया। परिवार गुरुग्राम में बहुमंजिला घर में रहता है, यह मानना मुश्किल है कि वे पूरी तरह राधिका पर निर्भर थे।

हत्या की रात और पुलिस बयान

10 जुलाई को दीपक यादव ने कथित तौर पर अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से राधिका को रसोई में तीन गोलियां मारीं। मां मंजू यादव घर में थीं, लेकिन एक अन्य कमरे में। एफआईआर के अनुसार, मंजू ने पुलिस को बयान देने से इनकार किया और कहा कि उन्हें बुखार था, इसलिए उन्होंने कुछ नहीं देखा।

पिता की मानसिक स्थिति पर सवाल

दीपक यादव ने पुलिस को बताया कि वह तनावग्रस्त और अवसाद में थे और राधिका की गतिविधियों से परेशान थे। उन्होंने सोशल मीडिया से असहमति की बात भी दोहराई।लेकिन कई सवालों का जवाब अब भी मिलना बाकी है। क्या यह अपराध सचमुच सोशल मीडिया या अकादमी विवाद का परिणाम था? या फिर यह एक गहरे पारिवारिक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक संघर्ष का चरम था? जांच जारी है।

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