केरल में राहुल गांधी: रायबरेली या वायनाड में से किसी एक को चुनने को लेकर दुविधा में हैं
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लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद राहुल का यह पहला केरल दौरा है। फोटो: X स्क्रीनग्रैब

केरल में राहुल गांधी: रायबरेली या वायनाड में से किसी एक को चुनने को लेकर दुविधा में हैं

कांग्रेस सांसद ने कहा कि उनके सामने दुविधा थी कि वे वायनाड का प्रतिनिधित्व करें या रायबरेली का, लेकिन वे जो भी फैसला लेंगे उससे दोनों जगहों के लोग खुश होंगे


Rahul Gandhi Wayanad: लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद राहुल गाँधी ने केरल का दौरा किया. जहाँ उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र वायनाड समेत केरल की समस्त जनता का आभार प्रकट किया. साथ ही भावुक होते हुए कहा कि वो भुत बड़ी दुविधा में हैं कि रायबरेली छोड़ें या वायनाड? किसी एक को चुनना है और यही मेरे लिए सबसे बड़ी दुविधा है.

राहुल गाँधी ने केरल के वायनाड से लगातार दूसरी बार भारी अंतर से जीत हासिल की है. बुधवार को वो चुनाव परिणामों के बाद पहली बार केरल के मलप्पुरम जिले में पहुंचे, जहाँ उन्होंने रोड शो किया.

इस दौरान उनके रोड शो के मार्ग में हजारों की संख्या में यूडीएफ कार्यकर्ता और समर्थक भी एकजुट हुए. ये सभी एडवन्ना में एकजुट हुए, जहाँ से रोड शो गुजर रहा था, ये इलाका राहुल गाँधी के निर्वाचन क्षेत्र वायनाड लोकसभा सीट का ही हिस्सा है.


जब राहुल ने जनता के सामने रखी दुविधा, प्रधानमंत्री पर भी कसा व्यंग्य

राहुल के रोड शो में हजारों लोगों की भीड़ रही. उन्हें देखने के लिए दूर दूर से लोग पहुंचे हुए थे. मलप्पुरम में बोलते हुए राहुल ने कहा, "मेरे सामने अब दुविधा है. रायबरेली या वायनाड में से किसे चुनूं, क्योंकि मैं सिर्फ़ एक सीट से सांसद हो सकता हूं. नरेंद्र मोदी की तरह मैं ईश्वर द्वारा निर्देशित नहीं हूं. मोदी ने कहा कि वो कोई जैविक प्राणी नहीं हैं और ईश्वर उनसे काम करवाते हैं. लेकिन मेरे लिए गरीब लोग भगवान हैं, वायनाड के लोग भगवान हैं. मैं उनसे पूछता हूं और वे मुझे बताते हैं कि मुझे क्या करना चाहिए. मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि मैं जो भी फैसला लूंगा, उससे वायनाड और रायबरेली दोनों के लोग खुश होंगे".

कांग्रेस सांसद ने इस पर कोई भी सीधी टिप्पणी करने से परहेज किया कि वे दोनों लोकसभा सीटों में से किस पर अपना कब्ज़ा बरकरार रखना चाहते हैं. उन्होंने मंगलवार (11 जून) को रायबरेली में भी जनता के सामने इसी तरह की टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने वहां के लोगों से कहा था कि वे रायबरेली (और अमेठी) की सेवा करना जारी रखेंगे, चाहे वे लोकसभा में किसी भी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करना चाहें.

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