
बेगूसराय में एक कीचड़ भरे तालाब में उतरे राहुल गांधी, मछुआरों के संग पकड़ी मछली
कांग्रेस नेता राहुल गांधी भले ही यह मानते हों कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वोटरों को खुश करने के लिए मंच पर नाच सकते हैं, लेकिन राहुल खुद जनता के बीच “लहरें” बनाने का ज्यादा सीधा तरीका अपनाना पसंद करते हैं।
रविवार को रायबरेली के सांसद राहुल गांधी बिहार के बेगूसराय में एक गांव के कीचड़ भरे तालाब में उतर गए। उन्होंने अपनी पहचान बन चुकी सफेद टी-शर्ट और कार्गो पैंट पहन रखी थी और मछुआरों के साथ मछलियां पकड़ने में हाथ बंटाया।
कांग्रेस ने इस मौके का वीडियो साझा करते हुए मजाकिया अंदाज में लिखा — “ये है असली तालाब।”
पार्टी ने इस मौके को प्रधानमंत्री मोदी के साथ तुलना करने का अवसर माना — राहुल ने मोदी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने छठ पूजा के लिए प्रदूषित यमुना नदी में उतरने के बजाय एक कृत्रिम, साफ-सुथरा जलाशय तैयार करवाया था (हालांकि मोदी ने अंततः ऐसा नहीं किया)।
तालाब में राहुल के साथ उनके सहयोगी और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के नेता मुकेश सहनी और कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार भी थे। मुकेश सहनी मल्लाह समुदाय से हैं, जिनका परंपरागत पेशा मछली पकड़ना और नाव चलाना है।
राहुल गांधी, जो अपनी सभाओं में लगातार “श्रम की गरिमा” पर जोर दे रहे हैं, ने तालाब में खुद जाल फेंकने की कोशिश की।
पीटीआई के अनुसार, तीनों एक नाव में सवार होकर तालाब के बीच पहुंचे, जहां सहनी ने जाल डाला, जिससे राहुल प्रभावित हुए। इसके बाद सहनी छाती तक गहरे पानी में कूद गए — और राहुल गांधी भी उनके पीछे उतर गए।
स्थानीय खबरों के मुताबिक, राहुल बाद में कपड़े बदलने के लिए पास के एक घर में गए। एक महिला ने बताया, “उन्होंने हाथ पंप से खुद को धोया, पास के पुराने बाथरूम का इस्तेमाल किया, और बिल्कुल भी शोर नहीं किया।”
राहुल ने मछुआरों को याद दिलाया कि महागठबंधन ने मछुआरों को कमजोर मौसम में वित्तीय सहायता, बीमा योजना, और नदियों व तालाबों के पुनर्जीवन का वादा किया है।
पानी से निकलने के बाद राहुल ने कहा, “हमने अत्यंत पिछड़ी जातियों के लिए एक विशेष घोषणा पत्र तैयार किया है, जिसे हम लागू करेंगे। हम सबको साथ लेकर आगे बढ़ेंगे… हमारी प्राथमिकता छोटे कारोबार होंगे।”
इससे पहले बेगूसराय की रैली में राहुल ने मोदी की “हिम्मत” पर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा —“किसी व्यक्ति की हिम्मत उसकी छाती के आकार से नहीं मापी जाती… गांधीजी ने अंग्रेजों से अपने आत्मबल से लड़ाई लड़ी थी, उनकी छाती उतनी बड़ी नहीं थी।”
राहुल ने दोहराया कि जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1971 के बांग्लादेश युद्ध में अमेरिका की धमकियों के बावजूद पीछे नहीं हटी थीं, तब मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप के दबाव में आकर ऑपरेशन सिंदूर रोक दिया था। (नई दिल्ली ने किसी तीसरे पक्ष के दबाव से इंकार किया है।)
राहुल ने आरोप लगाया कि मोदी “अडानी और अंबानी जैसे लोगों की जेब में हैं।”
उन्होंने कहा, “बिहार में उद्योग लगाने के लिए जमीन नहीं है, लेकिन 1 रुपये में बिहार की जमीन लेकर अडानी को दी जा रही है। मुंबई में भी यही हो रहा है — धारावी की लाखों करोड़ की जमीन अडानी को दी जा रही है।”
उन्होंने आगे कहा, “धारावी में कौन रहता है? बिहार के लोग रहते हैं। वे छोटे काम करते हैं, छोटे उद्यमी हैं। अब उन लोगों को हटाया जा रहा है और अडानी-अंबानी को फायदा पहुंचाया जा रहा है।”
राहुल ने कहा कि जब मोदी बिहार आएं तो जनता उनसे कहे, “अगर आप मंच पर आकर नाचते हैं या योग के आसन करते हैं, तभी हम आपको वोट देंगे।” उन्होंने दावा किया कि मोदी ऐसा जरूर करेंगे।
इस बीच, मोकाामा की रैली में तेजस्वी यादव ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा, “मैं अमित शाह को कहना चाहता हूं कि मैं डरता नहीं हूं, मैं बिहारी हूं। ‘एक बिहारी सब पर भारी’ — इसे हमेशा याद रखना।”

