सम्भल हिंसा : राहुल गांधी के दौरे के एलान पर डीएम संभल ने की प्रवेश रोकने की तैयारी
संभल के डीएम ने पड़ोसी जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र लिखते हुए मांग की है कि वे राहुल गाँधी को संभल की सीमा में प्रवेश न करने दें.
Sambhal Violence : उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हुई हिंसा के बाद से ही राजनीती भी शुरू हो चुकी है। जहाँ एक ओर समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने संसद में इस विषय को उठाया तो लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गाँधी बुधवार 4 दिसम्बर को संभल जा रहे हैं, जहाँ वो हिंसा में गोली लगने से मारे गए चार लोगों के परिजनों से मिलेंगे. हालाँकि राहुल गाँधी के इस दौरे की सूचना मिलने के बाद से ही संभल प्रशासन सतर्क हो गया है और जिले में शांति बनाए रखने के लिए बीएनएस की धारा163 पहले से ही लागू की हुई है, जिसके तहत 4 या 4 से ज्यादा लोग एक साथ एकत्र नहीं हो सकते। इसके साथ ही बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगायी गयी है।
सिर्फ इतना ही नहीं संभल एक डीएम ने पड़ोसी जिलों के जिलाधिकारियों से मांग की है कि वे राहुल गाँधी को संभल की सीमा तक पहुँचने न दें।
राहुल गांधी को रोकने के लिए संभल के जिलाधिकारी ने पड़ोसी जिलों से मांगी मदद
संभल जिले के डीएम डॉ राजेंद्र पेंसिया की तरफ से सभी पड़ोसी जिलों जिला अधिकारीयों से सहायता की मांग की गयी है. जिसके तहत उन्हें ये अवगत कराया गया है कि किस तरह से संभल में हिंसा फैली और उसके बाद से जिले के हालात साम्प्रदायिक तौर पर संवेदनशील हैं। ऐसे में राहुल गाँधी के दौरे से स्थिति और तनावपूर्ण हो सकती है। इसलिए DM संभल की तरफ से गाज़ियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, अमरोहा, बुलन्दशहर के जिलाधिकारियों से ये गुजारिश की गयी है कि वो राहुल गाँधी को संभल की सीमा में प्रवेश करने से रोकें.
क्या है घटना
24 नवंबर 2024 को चन्दौसी स्थित जामा मस्जिद में सर्वे करने पहुंची टीम के विरोध में भारी संख्या में भीड़ एकत्र हो गयी। पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच सर्वे टीम को सकुशल वहां से निकलवाया। इसके तुरंत बाद ही मस्जिद के नजदीक ही भीड़ और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई और इसी हिंसा में 4 लोग मारे गए और कई पुलिस वाले घायल हुए। हालाँकि पुलिस का दावा है कि मारे गए किसी भी शख्स को पुलिस को गोली नहीं लगी है। पथराव, गोलीबारी और आगजनी के चलते जिले का माहौल अत्यधिक संवेदनशील बना हुआ है।
प्रशासन की कार्रवाई
हालात पर काबू पाने के प्रशासन ने 29 नवंबर 2024 को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू की है। आदेश के अनुसार, 10 दिसंबर 2024 तक बाहरी व्यक्तियों, सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों को सम्भल की सीमा में प्रवेश करने से प्रतिबंधित किया गया है, जब तक कि सक्षम अधिकारी की अनुमति प्राप्त न हो।