
इस बार विधानसभा के भीतर क्यों 'फंस' गई राजस्थान सरकार?
राजस्थान विधानसभा का हालिया बजट सत्र कई वजहों से चर्चा में रहा। बीजेपी सरकार सदन में लड़खड़ाती नजर आई। कोचिंग सेंटर ही नहीं, सरकार कई मुद्दों पर घिरी रही।
राजस्थान विधानसभा के हाल ही में संपन्न बजट सत्र को कई मायनों में असामान्य बताया जा रहा है। एक ही सत्र में तीन विधेयकों को सिलेक्ट कमेटी में भेजने का फैसला ऐसा था जो पहले कभी नहीं हुआ। इससे भी हैरान करने वाला ये था कि एक विधेयक को दूसरी बार सिलेक्ट कमेटी में भेजा गया।
विवादों वाला सत्र
बजट सत्र में एक हफ्ते तक गतिरोध बना रहा। बीजेपी विधायक की कांग्रेस विधायक पर "पाकिस्तानी" वाली टिप्पणी, एक नाखुश कैबिनेट मंत्री का पूरे सत्र से अनुपस्थित रहना, स्पीकर की भावुक प्रतिक्रिया, विधायकों द्वारा प्रश्नों में छेड़छाड़ का आरोप, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का निलंबन, प्रत्येक टेबल पर आईपैड की व्यवस्था, नए गुलाबी कालीन, विधानसभा के बाहर समानांतर 'हाउस' का आयोजन जैसे मुद्दे ज्यादा हावी हो गए।
सिलेक्ट कमेटी को भेजे गए विधेयक
सरकार ने तीन विधेयक सिलेक्ट कमेटी को भेजे। इनमें एक है, कोचिंग सेंटर विनियमन विधेयक, दूसरा राजस्थान भूजल (संरक्षण और प्रबंधन) प्राधिकरण विधेयक, जिसे दूसरी बार सिलेक्ट कमेटी को भेजा गया और तीसरा राजस्थान भूमि राजस्व (संशोधन और वैधीकरण) विधेयक। इससे पिछली सरकार के समय अशोक गहलोत सरकार ने पांच साल में केवल दो विधेयक ही सिलेक्ट कमेटी को भेजे थे।
इसीलिए विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की निर्णय लेने की क्षमता पर सवाल उठाए हैं, खासकर कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे को लेकर।
कोचिंग सेंटर विधेयक पर उठे सवाल
राजस्थान की कोचिंग इंडस्ट्री को लेकर लंबे समय से कानून की मांग की जा रही थी। गहलोत सरकार इस पर निर्णय लेने से बचती रही और हाईकोर्ट से समय मांगती रही, जहां 2016 से कोचिंग सेंटरों में आत्महत्याओं पर सुनवाई चल रही है।
भाजपा सरकार के पास इस विधेयक को लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था, लेकिन प्रस्तावित विधेयक पर तुरंत सवाल उठे, जैसे न्यूनतम प्रवेश आयु (16 वर्ष) का उल्लेख नहीं था। कोचिंग सेंटरों पर जुर्माने की राशि बढ़ा दी गई और केंद्र सरकार की कुछ गाइडलाइंस को नजरअंदाज कर दिया गया।
कांग्रेस ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए इसे "एक दोषपूर्ण विधेयक" बताया और आरोप लगाया कि सरकार असली निर्णय से बच रही है।