परमाणु ऊर्जा संयंत्र: राजस्थान के बांसवाड़ा में हंगामा है क्यों बरपा?
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परमाणु ऊर्जा संयंत्र: राजस्थान के बांसवाड़ा में हंगामा है क्यों बरपा?

राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में शुक्रवार को छोटी सरवन गांव के निवासियों की प्रस्तावित माही परमाणु ऊर्जा संयंत्र की चारदीवारी के निर्माण को लेकर पुलिस के साथ झड़प हो गई.


Mahi Nuclear Power Plant: राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में शुक्रवार को छोटी सरवन गांव के निवासियों की प्रस्तावित माही परमाणु ऊर्जा संयंत्र की चारदीवारी के निर्माण को लेकर पुलिस के साथ झड़प हो गई. जिसके बाद इलाके में तनाव व्याप्त हो गया. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही 2,800 मेगावाट के इस संयंत्र की आधारशिला रखेंगे.

करीब तीन घंटे तक चले इस विवाद में तीन पुलिसकर्मी और कई ग्रामीण घायल हो गए. भारत आदिवासी पार्टी के एक स्थानीय पदाधिकारी समेत 12 लोगों को हिरासत में लिया गया है. अपने स्थानांतरण का विरोध कर रहे निवासियों ने पुलिस पर पथराव किया, जो सरकार द्वारा अधिग्रहित भूमि को खाली कराने और भारत परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) द्वारा चारदीवारी के निर्माण की सुविधा प्रदान करने के लिए वहां गई थी.

छह गांवों बारी, सजवानिया, रेल, खारिया देव, आदीभीत और कटुम्बी के करीब 3,000 लोगों को स्थानांतरित किया जा रहा है. बांसवाड़ा पुलिस के अनुसार, छोटी सरवन में केंद्र सरकार की परियोजना स्थल पर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए. त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी) के जवान कल्पेश गरासिया के सिर में चोट आई है और उन्हें बांसवाड़ा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है. स्थानीय लोग मांगें पूरी होने तक स्थानांतरित होने को तैयार नहीं हैं.

पुलिस के मुताबिक, कुछ लोग जिनकी जमीन प्रस्तावित संयंत्र के लिए अधिग्रहित की गई है, विरोध कर रहे हैं. जबकि उन्हें वैकल्पिक भूखंड आवंटित किए गए हैं. सरकार ने परियोजना के लिए 553 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित करने के लिए 415 करोड़ रुपये का मुआवजा प्रदान किया है. विस्थापित ग्रामीणों के लिए घर बनाने के लिए पास के खारिया देव में 60 हेक्टेयर भूमि की भी पहचान की गई है. हालांकि, एक अस्पताल की स्थापना सहित उनकी मांगें पूरी होने तक स्थानांतरित होने के लिए तैयार नहीं हैं. बता दें कि जुलाई ग्रामीणों ने अपनी मांगों को लेकर लोकसभा चुनाव का भी बहिष्कार किया था.

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