Ground Report: राबी नदी ने बदला रास्ता, कठुआ और पंजाब में मची तबाही
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Ground Report: राबी नदी ने बदला रास्ता, कठुआ और पंजाब में मची तबाही

Ravi River Flood: इस आपदा की एक अहम वजह हिमाचल और जम्मू-कश्मीर के ऊपरी इलाकों में हुई मूसलाधार बारिश भी मानी जा रही है।


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Flood In Punjab: जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में राबी नदी का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। नदी अब अपने पुराने रास्ते पर नहीं बह रही है। इसका प्रवाह अचानक बदल गया है, जिसकी वजह से भारी तबाही हो रही है। नदी के मार्ग परिवर्तन की वजह बना माधोपुर बैराज, जहां दो गेट टूटने के बाद नदी ने नया रास्ता बना लिया है। हालात का जायजा लेने के लिए द फेडरल देश की टीम मौके पर पहुंची और ग्राउंड जीरो से पल-पल की जानकारी ली।

बाढ़ की चपेट में पंजाब के कई जिले

राबी नदी के बदले मार्ग और तेज बहाव का असर पंजाब के पठानकोट, गुरदासपुर और अमृतसर जिलों में साफ देखा जा सकता है। इन इलाकों में सैकड़ों एकड़ फसलें नष्ट हो चुकी हैं। वहीं, हजारों ग्रामीणों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा है।

पुलिस इमारत को नुकसान

कठुआ में स्थित जम्मू-कश्मीर पुलिस की एक इमारत नदी के तेज कटाव की चपेट में आ गई है। इमारत का एक बड़ा हिस्सा ढह चुका है। करीब 100 वर्ग फुट ज़मीन नदी में समा चुकी है और प्लिंथ अब हवा में लटकता नजर आ रहा है।


नदी के बहाव को रोकने के प्रयास जारी

प्रशासन की ओर से नदी के बहाव को रोकने के लिए बोल्डर्स और स्टील की जालियों की मदद ली जा रही है। मजदूर लगातार बोल्डर्स को जालियों में भरकर नदी के किनारे फेंक रहे हैं, ताकि और कटाव रोका जा सके। इस दौरान लगातार बारिश राहत कार्यों में चुनौती बनी हुई है।

माधोपुर बैराज बना मुसीबत की जड़

कठुआ से दिख रहा माधोपुर बैराज, वही जगह है जहां दो गेट टूट गए थे। यही घटना नदी के नए रास्ते और तेज बहाव की शुरुआत बनी। इस घटना के बाद नदी ने पूरे क्षेत्र में भयंकर तबाही मचाई, जिसका असर पंजाब के कई जिलों में देखा जा रहा है।

हिमाचल और ऊपरी इलाकों में बारिश बनी कारण

इस आपदा की एक अहम वजह हिमाचल और जम्मू-कश्मीर के ऊपरी इलाकों में हुई मूसलाधार बारिश भी मानी जा रही है। भारी बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ा और राबी समेत कई नदियों ने अपना रुख बदल लिया। सिर्फ राबी ही नहीं, बल्कि ऊज नदी और आसपास के छोटे-छोटे नाले भी बाढ़ की स्थिति को और खराब करने में जिम्मेदार रहे हैं। अचानक बढ़े जलस्तर ने कई गांवों में पानी भर दिया, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

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