RCB आयोजन पर उंगली, कर्नाटक सरकार की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य
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चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई इस त्रासदी में 11 लोगों की जान चली गई और 50 से ज़्यादा लोग घायल हो गए। फ़ाइल फ़ोटो

RCB आयोजन पर उंगली, कर्नाटक सरकार की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य

कर्नाटक सरकार की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि RCB ने पुलिस की अनुमति के बिना रैली की। उसकी वजह से भीड़ में भगदड़ मची और 11 लोगों की मौत हुई।


कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरु हाईकोर्ट में 4 जून को हुए बेंगलुरु स्टांपेड पर रिपोर्ट पेश की है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने बिना पुलिस की अनुमति और परामर्श के विजय रैली (Victory Parade) का आयोजन किया था। इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग घायल हुए।सरकार ने यह रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी है क्योंकि अदालत ने इसे गोपनीय रखने की मांग को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट को गोपनीय रखने के लिए कोई कानूनी आधार नहीं है।

केवल सूचना दी,अनुमति नहीं ली

रिपोर्ट में कहा गया कि RCB प्रबंधन ने 3 जून को पुलिस को केवल रैली की संभावना की सूचना दी थी। यह कानूनी अनुमति के लिए आवेदन नहीं था, जैसा कि नियमों में अपेक्षित होता है। रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रकार की रैली के लिए कम से कम 7 दिन पहले अनुमति लेनी होती है, लेकिन RCB ने ऐसा नहीं किया।

कोई वैध आवेदन नहीं

RCB या आयोजकों द्वारा निर्धारित फॉर्मेट में कोई आवेदन पुलिस को नहीं दिया गया। कब्बन पार्क थाने के PI ने इसलिए KSCA (कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन) द्वारा 3 जून की शाम 6:30 बजे दिए गए अनुरोध को खारिज कर दिया।आयोजकों ने भीड़ के अनुमान, व्यवस्थाओं और संभावित समस्याओं की कोई जानकारी नहीं दी थी।

सोशल मीडिया से बुलाई भीड़

रिपोर्ट में कहा गया है कि RCB ने 4 जून को सुबह 7:01, 8:00, 8:55 और दोपहर 3:14 बजे तक सोशल मीडिया पोस्ट किए, जिनमें पुलिस से कोई परामर्श नहीं किया गया।इन पोस्टों में निःशुल्क प्रवेश की घोषणा की गई और आम जनता को विधान सौधा से लेकर चिन्नास्वामी स्टेडियम तक की रैली में शामिल होने का आमंत्रण दिया गया।दोपहर 3:14 बजे वाले पोस्ट में पहली बार बताया गया कि सीमित पास shop.royalchallengers.com पर उपलब्ध हैं, जिससे यह भ्रम हुआ कि पहले की पोस्ट्स के आधार पर कार्यक्रम सभी के लिए खुला है।

भारी भीड़ और सोशल मीडिया का असर

सोशल मीडिया पोस्ट्स को कुल 44 लाख बार देखा गया, जिससे चिन्नास्वामी स्टेडियम में 3 लाख से अधिक लोग एकत्रित हो गए, जबकि स्टेडियम की क्षमता केवल 35,000 है।HAL एयरपोर्ट से ताज वेस्ट एंड होटल तक (14 किमी की दूरी) भीड़ खिलाड़ियों की एक झलक पाने के लिए जमा हो गई थी।सोशल मीडिया पर भीड़ के वीडियो वायरल होने से भीड़ और बढ़ती चली गई। इससे अचानक पुलिस बल की भारी तैनाती करनी पड़ी।रिपोर्ट में आयोजकों की योजना की विफलता और अधिकारियों को अग्रिम जानकारी न देने को इस अव्यवस्था का मुख्य कारण बताया गया है।

भगदड़ की स्थिति कैसे बनी?

रिपोर्ट बताती है कि दोपहर 3 बजे, चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास भीड़ तेजी से बढ़ने लगी।RCB का 3:14 बजे का पोस्ट, जिसमें पहली बार बताया गया कि प्रवेश पास से होगा, ने भीड़ में भ्रम और हताशा फैला दी।स्थिति और बिगड़ गई जब आयोजक सही समय पर गेट नहीं खोल पाए और गेट 1, 2, और 21 को भीड़ ने तोड़ दिया।इससे स्थान-स्थान पर भगदड़ मची। रिपोर्ट में बताया गया कि हर स्थिति में पुलिस ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया।

कार्यक्रम रद्द क्यों नहीं किया गया?

रिपोर्ट में कहा गया कि कार्यक्रम को रद्द नहीं किया गया क्योंकि इससे भीड़ और उग्र हो सकती थी और पूरे शहर में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने का खतरा था।यह रणनीतिक निर्णय था, जिसमें भीड़ की मानसिकता, उपस्थिति की विशालता और सूचना की कमी को ध्यान में रखा गया।भीड़ में हिंसा की संभावना को संतुलित करने के लिए कार्यक्रम को चलने दिया गया।

रिपोर्ट के अंत में कहा गया कि किसी भी संभावित कार्यक्रम को अचानक रद्द करने से भीड़ हिंसक हो सकती है और भीषण जन उन्माद खड़ा हो सकता है।इसलिए सरकार ने स्थिति को नियंत्रण में रखते हुए कार्यक्रम को समाप्त करने का निर्णय लिया।

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