
सीमा पार संघर्ष का असर, मिजोरम में फिर बढ़ा शरणार्थी संकट
मिजोरम सरकार को अब विरोधी गुटों के साथ साथ विदेश नीति, बॉर्डर सुरक्षा और मानवीय कर्तव्यों के बीच संतुलन बनाना है। म्यांमार से आने वाले नागरिकों की रजिस्ट्रेशन की कार्रवाई शुरू हो गई है। बांग्लादेश की ओर से संभावित संकट पर प्रशासन सतर्क नजर रख रहा है।
7 जुलाई को मिज़ोरम में नागरिक समाज के कई संगठन बॉर्डर के नजदीक झुलसी हिंसा को शांत करने को लेकर आगे आए। म्यांमार से हाल ही में आये चिन राज्य के संघर्षरत लोग, जो हथियारबंद झड़पों की चपेट में आने से भागकर मिज़ोरम की सीमा पार कर शरणार्थी बन गए, उनकी संख्या 3,641 से अधिक हो गई है। हाल ही में दो चिन विद्रोही गुटों — CNDF (चिन राष्ट्रीय रक्षा बल) और CDF (चिनलैंड रक्षा बल) के बीच हुलन्गो (India–Myanmar सीमा के नज़दीक) में इतनी भयंकर मुठभेड़ हुई कि लोगों को खौफ में भागना पड़ा। कुल मिलाकर मिज़ोरम में 32,000 से अधिक म्यांमार के शरणार्थी अब सक्रिय रूप से ठहरे हुए हैं।
शांति की कोशिशें
मिज़ोरम के CM लालदूहोमा की अगुवाई में YMA (यंग मिज़ो एसोसिएशन) और ZORO (ज़ो पुनर्मिलन संगठन) ने आदिवासी नेतृत्व वाले गुटों को मध्यस्थता की। इस गुप्त बैठक का लक्ष्य था — नई लड़ाई को रोकना और पुरानी सुलह पर लौटना। ब्रेक मिलने की वजह थी कि इससे पहले सेल्फ-एडमिनिस्ट्रेटेड चिन राज्य संवैधानिक मसौदा भी तैयार करने पर सहमति बनी थी। लेकिन अब रिकॉर्डिंग रिखवडार पर नियंत्रण को लेकर एक बार फिर विवाद भड़क गया।
स्थानीय आबादी पर बढ़ा बोझ
शरणार्थियों के आने से स्थानीय संसाधनों पर दबाव बढ़ा है। शुरुआत में लोगों ने इन्हें खुला-सहायता दी थी। लेकिन अब कुछ समूहों में नाराजगी और असुविधा दिखाई दे रही है। CM लालदूहोमा ने चेतावनी दी कि जो शरणार्थी कानून-व्यवस्था का उल्लंघन करेंगे, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। दोहराए गए नियम उल्लंघनों पर, राज्य सरकार पहचान-पत्र जब्त करने का भी सोच रही है। इसके साथ ही 11 जिलों में बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन भी शुरू किया जा रहा है।
बांग्लादेश से प्रवास के संकेत
मिज़ोरम की अब एक और चिंता बढ़ी है—बांग्लादेश की चिनहिल ट्रैक्ट में सेना की कार्रवाई के बाद बाम समुदाय के लोग मिज़ोरम की ओर बढ़ रहे हैं। मानवाधिकार संगठनों ने 10 उप-जिलों में 68 गांवों में कड़ी तलाशी अभियान और नस्लीय अन्याय की घटनाएं दर्ज कराई हैं। इसमें छात्रों पर यौन-उत्पीड़न की खबरें भी आई हैं, जैसे 14 वर्ष की लड़की को भी सेना ने घर में बंधक बनाकर पूछताछ की।
जटिल तस्वीर
भारत-म्यांमार सीमा को आने वाले लोगों के लिए असम राइफल्स ने कुछ हिस्सों को सील किया है। फिर भी, निहत्थे नागरिकों को ह्यूमैनिटेरियन कारणों से प्रवेश की अनुमति दी जा रही है। लेकिन घर की चौखट के बाहर से भारी दबाव बन रहा ह — शरणार्थियों की बढ़ती संख्या ने स्थानीय लोगों की परेशानी और सरकार की चुनौतियां दोनों बढ़ा दी हैं।