अब विभागों को लेकर सस्पेंस! फडणवीस, पवार पहुंचे दिल्ली, नाराज शिंदे नहीं आए साथ
Maharashtra: पिछले कुछ दिनों में अपनी बैठकों में फडणवीस, शिंदे और अजित ने भाजपा को 22, शिवसेना को 11 और एनसीपी को 10 पद देने पर सहमति जताई है.
dispute over ministries in Maharashtra: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद करीब 10 दिन तक मुख्यमंत्री के नाम पर सस्पेंस बना रहा. आखिरकार बीजेपी (BJP) नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने मुंबई के आजाद मैदान में आयोजित कार्यक्रम में सीएम पद की शपथ ली. उनके साथ एनसीपी (NCP) और शिवसेना (Shiv Sena) प्रमुख अजित पवार व एकनाथ शिंदे ने भी उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. हालांकि, अब शपथ ग्रहण समारोह को भी काफी समय बीत चुका है. लेकिन अभी तक मंत्री पद और विभागों को लेकर बंटवारा नहीं हो पाया है. इस वजह से कैबिनेट विस्तार को लेकर तारीख भी तय नहीं हो पा रही है. अभी भी बीजेपी (BJP), एनसीपी और शिवसेना (Shiv Sena) में कुछ विभागों को लेकर विवाद है. इसे सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) बुधवार को दो दिवसीय दौरे पर दिल्ली पहुंचे. इस दौरान उनके साथ अजित पवार भी थे. लेकिन नाराज एकनाथ शिंदे ने नहीं जाने का फैसला किया.
पिछले कुछ दिनों में अपनी बैठकों में फडणवीस (Devendra Fadnavis), शिंदे और अजित ने भाजपा (BJP) को 22, शिवसेना (Shiv Sena) को 11 और एनसीपी को 10 पद देने पर सहमति जताई है. महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री सहित मंत्रिपरिषद की अधिकतम स्वीकार्य संख्या 43 है. हर पार्टी के लिए पदों की संख्या अभी भी बदल सकती है. भाजपा (BJP) नेताओं के मुताबिक, अगर शिवसेना और एनसीपी (NCP) अधिक पदों के लिए दबाव बनाती हैं.
प्रमुख विभागों की बात करें तो भाजपा (BJP) ने गृह विभाग अपने पास रखा है. जबकि राजस्व विभाग भी उसके पास रहने की उम्मीद है. गृह विभाग के लिए जोर दे रहे शिंदे को शहरी विकास विभाग दिया गया है. जबकि वित्त विभाग एनसीपी (NCP) के पास जाएगा. फडणवीस (Devendra Fadnavis) और अजित पवार बुधवार रात या गुरुवार सुबह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा से मिलने वाले थे. शिंदे के भी बैठक में शामिल होने की उम्मीद थी. लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्होंने बैठक में नहीं जाने का फैसला किया.
शिंदे के करीबी सहयोगियों के अनुसार, शहरी विकास विभाग के अलावा उन्हें कोई अन्य महत्वपूर्ण विभाग नहीं दिया गया है. वह कुछ विभागों- राजस्व, एमएसआरडीसी सहित सार्वजनिक कार्य, आवास और ऊर्जा के लिए इच्छुक थे. लेकिन भाजपा ने मांग स्वीकार नहीं की. शिंदे भाजपा (BJP) की इस शर्त से भी नाखुश हैं कि वह पिछली सरकार में भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करने वाले नेताओं को हटा दें. उनके करीबी सहयोगी ने कहा कि वास्तव में शिंदे इस बात से काफी परेशान हैं कि पूरे सौदे में उनके साथ कैसा व्यवहार किया गया. उन्हें हर चीज के लिए मोलभाव करना पड़ता है. उन्हें लगता है कि उन्हें सत्ता में उनका वाजिब हिस्सा नहीं दिया गया. हालांकि, उन्होंने पूरी ताकत लगाई और महाराष्ट्र में महायुति की जीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया. इसलिए उपमुख्यमंत्री दिल्ली नहीं गए और अपने ठाणे स्थित आवास पर ही रुके.
कैबिनेट का अंतिम रूप
महायुति नेताओं ने कहा कि वे पहले कैबिनेट विस्तार से पहले विभागों पर विवाद को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं. दिल्ली में बैठक के बाद फडणवीस (Devendra Fadnavis) और अजित द्वारा शनिवार को शपथ लेने वाले नामों को अंतिम रूप देने के लिए गुरुवार को मुंबई में शिंदे के साथ बैठक करने की उम्मीद है. भाजपा (BJP) के एक नेता ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन 16 दिसंबर को नागपुर में शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार तभी कर पाएगा, जब विवाद सुलझ जाए.
भाजपा (BJP) के एक नेता ने कहा कि विवादित तीन विभागों (गृह, शहरी विकास और वित्त) पर सहमति बन गई है. लेकिन तीनों दल कुछ विभागों की अदला-बदली कर सकते हैं. गृह और राजस्व के अलावा भाजपा के पास आवास और जल संसाधन विभाग रहने की उम्मीद है. एनसीपी को सहकारिता विभाग मिल सकता है. जबकि भाजपा और एनसीपी (NCP) के बीच कृषि विभाग पर चर्चा चल रही है. शिवसेना (Shiv Sena) को आबकारी और लोक निर्माण विभाग मिलेगा. इनमें से अधिकांश विभाग पार्टी को मिलने की उम्मीद है. क्योंकि पिछली महायुति सरकार में भी ये विभाग उनके पास थे.
शिवसेना नेता और पूर्व मंत्री उदय सामंत ने कहा कि पार्टी ने सत्ता के बंटवारे पर फैसला लेने के लिए शिंदे को सभी अधिकार दिए हैं. सामंत ने कहा कि सोमवार रात को देवेंद्र फडणवीस के साथ उनकी बहुत विस्तृत बैठक हुई. चर्चा बहुत सकारात्मक रूप से आगे बढ़ रही है. पार्टी 13 पद मांग रही है और उसे कम से कम 12 मिलने की उम्मीद है. ऐसी स्थिति में एनसीपी (NCP) को नौ पद मिल सकते हैं. उन्होंने कहा कि एनसीपी अतिरिक्त पदों के लिए भी जोर दे रही है. लेकिन उस स्थिति में भाजपा (BJP) उनसे और यहां तक कि शिवसेना से तुलनात्मक रूप से महत्वहीन विभागों के लिए भी कह सकती है.
एक अन्य भाजपा (BJP) नेता ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार संभवतः 14 दिसंबर को हो सकता है. लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि पूरी टीम शपथ लेगी या नहीं. उन्होंने कहा कि आदर्श रूप से इसमें 30 से अधिक अतिरिक्त मंत्री होने चाहिए थे. लेकिन मौजूदा स्थिति में पहले विस्तार में केवल 15 या 18 मंत्री (दोनों पक्षों से पांच से छह) ही शपथ ले सकते हैं. शिवसेना (Shiv Sena) भाजपा (BJP) के साथ शामिल किए जाने वाले नामों को लेकर खींचतान में है. वह भाजपा (BJP) द्वारा जोर दिए जाने के बावजूद पिछले मंत्रिमंडल से दागी मंत्रियों को हटाने के लिए तैयार नहीं है. दूसरे, पीडब्ल्यूडी और कृषि जैसे कुछ विभाग हैं, जिन पर तीनों दलों में से कम से कम दो ने दावा किया है.
एनसीपी (NCP) के एक नेता ने कहा कि मुख्य टकराव भाजपा (BJP) और शिवसेना के बीच है. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी ने प्रस्तावित पदों पर सहमति जताई है और शामिल किए जाने वाले लोगों के नाम भी तय कर लिए गए हैं. शीतकालीन सत्र की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए फडणवीस तीनों दलों से अधिकतम संख्या में विधायकों को शामिल करने पर जोर दे रहे हैं. नवनियुक्त मुख्यमंत्री दिल्ली से लौटने के बाद शुक्रवार को नागपुर में धन्यवाद रैली करेंगे.