वही विमान, जिसे मैं लाया था… – हादसे पर पूर्व पायलट अरुलमनी हुए इमोशनल
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'वही विमान, जिसे मैं लाया था…' – हादसे पर पूर्व पायलट अरुलमनी हुए इमोशनल

अहमदाबाद विमान दुर्घटना ने विमानन सुरक्षा के मानकों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। जांच एजेंसियां ब्लैक बॉक्स की जानकारी का विश्लेषण कर रही हैं, ताकि दुर्घटना के वास्तविक कारणों का पता चल सके।


12 जून 2025 को अहमदाबाद में एयर इंडिया एक्सप्रेस की बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान दुर्घटना में 241 लोगों की मृत्यु हो गई, जबकि एक यात्री रमेश विश्वास कुमार चमत्कारी रूप से बचा गए। इस दुर्घटना ने विमानन जगत को हिला दिया और कई सवाल खड़े किए हैं। तमिलनाडु के सेवानिवृत्त पायलट एस. अरुलमनी, जिन्होंने 2014 में इस विमान को सिएटल से भारत लाया था, ने बताया कि उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद पावर लॉस हो सकता है, जो दुर्घटना का मुख्य कारण हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह वही विमान है, जिसे मैंने सिएटल से भारत लाया था। उड़ान के दौरान कोई समस्या नहीं थी। लेकिन अब यह दुर्घटना हो गई, यह बहुत दुखद है।

अरुलमनी के अनुसार, शुरुआती फुटेज से लगता है कि उड़ान भरने के तुरंत बाद पावर लॉस हुआ, जिससे विमान कुछ ही मिनटों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। उन्होंने कहा कि यह संभवतः टेक-ऑफ के दौरान पावर लॉस के कारण हुआ। फुटेज से ऐसा लगता है कि दुर्घटना और सुरक्षा जानकारी के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है।

ब्लैक बॉक्स का महत्व

विमान के ब्लैक बॉक्स, जिसमें डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकार्डर (DFDR) और कॉकपिट वॉयस रिकार्डर (CVR) शामिल हैं, को दुर्घटनास्थल से बरामद किया गया है। यह जानकारी दुर्घटना के कारणों की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। अरुलमनी ने कहा कि ब्लैक बॉक्स दुर्घटना की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह हमें इंजन की पावर, तेल का तापमान और सिस्टम प्रदर्शन के बारे में जानकारी प्रदान करेगा।

विमान की आयु और रखरखाव

अरुलमनी के अनुसार, बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान को उचित रखरखाव के साथ 20 से 25 वर्षों तक उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह विमान 12 वर्ष पुराना था और नियमित रखरखाव के साथ इसे और वर्षों तक उपयोग किया जा सकता था।

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