वो सबकी आवाज दबाना चाहते हैं, ममता पर बीजेपी ने क्यों साधा निशाना
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वो सबकी आवाज दबाना चाहते हैं, ममता पर बीजेपी ने क्यों साधा निशाना

आरजी कर अस्पताल केस पर टीएमसी पर बीजेपी हमलावर है। बीजेपी के सीनियर नेता दिलीप घोष ने कहा कि सबकी आवाज को दबाने की कोशिश हो रही है।


RG Kar Hospital Case: बंगाल का आर जी कर अस्पताल,जाना माना नाम करीब 134 साल का शानदार इतिहास। लेकिन आठ अगस्त की एक वारदात ने अस्पताल के गौरवशाली इतिहास पर बट्टा लगा दिया। अस्पताल के सेमिनार हॉल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप फिर मर्डर से उपजा आक्रोश सड़क पर अब नहीं दिखाई दे रहा है। लेकिन लोगों के दिल व्यथित और दिमाग में गुस्सा है। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है। इस केस का मुख्य आरोपी वैसे तो जेल में है। लेकिन जिस तरह से टीएमसी के एक विधायक, आर जी कर के पूर्व प्रिंसिपल की भूमिका सामने आई है वो कई तरह के सवाल खड़े कर कर रही है। बीजेपी के सीनियर नेता दिलीप धोष कहते हैं कि वो सबको चुप कराना चाहते हैं। वो पीड़ित के परिवार को मुंह बंद रखने के लिए तरह तरह से दबाव बना रहे हैं।

दिलीप घोष कहते हैं कि यह तो ममता सरकार और टीएमसी की आदत हो गई है, बलात्कार की घटना होने दो, पीड़ित परिवार को रकम देकर मामले को रफा कर दो। यह तो अच्छी बात ट्रेनी डॉक्टर के परिवार ने 10 लाख की रकम लेने से इनकार कर दिया। बीजेपी का कहना है कि बड़ी बात तो यह है कि टीएमसी की सरकार इस घटना के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन से रोक रही है। टीएमसी को इस बात से दिक्कत नहीं है कि दूसरे दल विरोध क्यों कर रहे हैं। लेकिन मामला जब बीजेपी का है तो तरह तरह के नियम कानून का जिक्र किया जा रहा है। क्या इस तरह से पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ होने वाला अपराध रुकेगा।

इससे पहले, भाजपा ने पूरे पश्चिम बंगाल में मशाल जुलूस निकाला, जिसमें 33 वर्षीय प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले की निंदा की गई। पार्टी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की और आरोप लगाया कि राज्य का प्रशासन इस घटना को दबाने की कोशिश कर रहा है। जगतबल्लवपुर में एक रैली का नेतृत्व करने वाले भाजपा के राज्य प्रभारी सुकांतो मजूमदार ने कहा, 'आरजी कर अस्पताल की घटना को कैसे दबाया जा रहा है, इसके खिलाफ भाजपा लगातार विरोध कर रही है। हाल ही में एक डॉक्टर का बयान आया जिसमें उसने खुलासा किया कि उसे पोस्टमॉर्टम नहीं करने पर जान से मारने की धमकी दी गई थी।' उन्होंने बनर्जी के इस्तीफे की जरूरत पर जोर दिया और हर जिले में विरोध प्रदर्शन जारी रखने की कसम खाई।

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