कोलकाता ट्रेनी ड़ॉक्टर के दोषी को उम्रकैद,आखिरी सांस तक रहना होगा जेल में
x

कोलकाता ट्रेनी ड़ॉक्टर के दोषी को उम्रकैद,आखिरी सांस तक रहना होगा जेल में

Kolkata Doctor Case: आरजी कर रेप और मर्डर केस में अदालत ने दोषी संजय रॉय को सजा सुना दी है। दोषी संजय रॉय को आखिरी सांस तक जेल में रहना होगा।


Sanjay Roy Conviction news: कोलकाता के आर जी कर अस्पताल रेप मर्डर केस में अदालत ने दोषी संजय रॉय को उमक्रैद की सजा सुनाई है। उसे अब सांस चलने तक जेल में ही रहना होगा। हालांकि सीबीआई (CBI) ने फांसी की सजा की मांग थी। इससे पहले जज ने उससे कहा तक जघन्य अपराध के लिए तुम्हें फांसी की सजा भी हो सकती है। अदालत ने कहा था कि तुम दोषी हो। जज ने आज कहा कि शनिवार को तुमको बताया था कि बलात्कार और हत्या के आरोप साबित हो चुके हैं। जो सजा तुम्हें मिल सकती है उसके बारे में क्या कहोगे। जज के यह कहने पर दोषी संजय रॉय (SanjayRoy) ने कहा कि उसे फंसाया गया है। वो रुद्राक्ष की माला पहनता है। अगर वो अपराध करता तो क्राइम के दौरान यह टूट जाती। कई कागजों पर उससे जबरन हस्ताक्षर कराए गए थे।

सियालदह कोर्ट के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिरबन दास ने शनिवार को संजय रॉय को पिछले साल 9 अगस्त को कोलकाता के अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या का दोषी करार दिया था। उसे भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 64, 66 और 103(1) के तहत डॉक्टर का यौन उत्पीड़न करने और उसका गला घोंटने का दोषी पाया गया। न्यायाधीश (RGKarCase) ने कहा कि 160 से अधिक पृष्ठों का फैसला, जो आज सजा सुनाए जाने के बाद पूरा होगा, शिकायतकर्ता, पीड़िता के पिता द्वारा उठाए गए कुछ सवालों का भी स्पष्ट रूप से जवाब देगा।

धारा 66 (पीड़िता की मृत्यु या लगातार वानस्पतिक अवस्था में रहने के लिए सजा) में कम से कम 20 साल की सजा का प्रावधान है, जिसे आजीवन कारावास (Crime News) तक बढ़ाया जा सकता है, जिसका अर्थ है उस व्यक्ति के शेष प्राकृतिक जीवन के लिए कारावास या मृत्यु। बीएनएस की धारा 103(1) (हत्या) में मृत्युदंड या आजीवन कारावास का प्रावधान है। बीएनएस की धारा 64 (बलात्कार) में कम से कम 10 साल की जेल की सजा और आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।

इस अपराध (Kolkata Doctor Case) के कारण देश भर में आक्रोश फैल गया था और लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन हुए थे। संजय रॉय कोलकाता पुलिस के पूर्व नागरिक स्वयंसेवक हैं। दोषी को 10 अगस्त, 2024 को गिरफ्तार किया गया था, एक दिन बाद 31 वर्षीय प्रशिक्षु डॉक्टर का शव अस्पताल के सेमिनार रूम में मिला था। न्यायाधीश अनिरबन दास ने कहा कि उन्होंने अपने फैसले में पुलिस और अस्पताल अधिकारियों की कुछ गतिविधियों की आलोचना की है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने जांच को कोलकाता पुलिस से केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दिया था।

जब दोषी का फैसला आया, तो संजय रॉय (RG Kar medical college) ने आरोप लगाया कि उसे फंसाया गया है। बलात्कार और हत्या के शिकार हुए डॉक्टर के माता-पिता ने न्याय देने के लिए अदालत का आभार व्यक्त किया।संजय रॉय के परिवार ने कहा कि वे दोषसिद्धि को चुनौती नहीं देंगे। उनकी बड़ी बहन ने कहा कि हम पीड़ित परिवार के सदस्यों से माफी मांगते हैं। कानून ने मेरे भाई को दोषी पाया है और उसे उसी के अनुसार सजा दी जाएगी। मुझे और कुछ नहीं कहना है। प्रशासन (RG Kar verdict) वही करेगा जो सही है। हम क्या चाहते हैं, यह वास्तव में मायने नहीं रखता।

Read More
Next Story