परिवार से टूटे रिश्ते पर आवाज और तेज, रोहिणी की बिहार सरकार से सीधी अपील
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परिवार से टूटे रिश्ते पर आवाज और तेज, रोहिणी की बिहार सरकार से सीधी अपील

रोहिणी आचार्या ने परिवार से टूटे रिश्तों के बाद बिहार सरकार से अपील की कि हर बेटी का मायका सुरक्षित हो, जहाँ वह बिना डर या शर्म के लौट सके। पितृसत्ता बदलने की मांग भी उठाई।


बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्या ने एक बार फिर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि बिहार में हर बेटी का मायका एक “सुरक्षित शरणस्थली” होना चाहिए, जहाँ वह बिना किसी डर, शर्म या सफाई दिए लौट सके।

यह अपील रोहिणी ने उस समय की है जब लगभग एक महीने पहले उन्होंने अपने परिवार से रिश्ते तोड़ने का ऐलान किया था। उनका कहना है कि परिवार के भीतर विवाद के दौरान उन पर पिता को गुर्दा (किडनी) दान करने के पीछे “गलत मंशा” रखने का आरोप लगाया गया था।


पारिवारिक मतभेदों के बाद भावनात्मक अपील

सिंगापुर में रहने वाली रोहिणी ने दिसंबर 2022 में अपने पिता लालू प्रसाद को गुर्दा दान किया था। लेकिन हाल ही में, उन्होंने दावा किया कि उन पर “गंदा गुर्दा” देने का आरोप लगाया गया और कहा गया कि इसके बदले उन्होंने “करोड़ों रुपये और लोकसभा टिकट” लिया।

परिवारिक विवाद, विशेषकर तेजस्वी यादव से कथित बहस, आरजेडी की विधानसभा चुनाव में हार के बाद और बढ़ गया। इसके बाद रोहिणी ने पार्टी और परिवार दोनों से दूरी बना ली और कहा— “अब मेरा कोई परिवार नहीं है।”

महिलाओं की सुरक्षा पर सरकार से सीधी अपील

पटना से जुड़े अपने संदेश में रोहिणी आचार्या ने महिलाओं के लिए एक बड़ा सामाजिक और राजनीतिक संदेश दिया। उन्होंने बिहार सरकार से अपील की कि “हर बेटी को इस भरोसे के साथ बड़ा होने का अधिकार है कि उसका मायका उसका सुरक्षित स्थान है—जहाँ वह बिना किसी डर, शर्म या अपराधबोध के लौट सकती है। रोहिणी ने यह भी लिखा कि इसे लागू करना सिर्फ एक “प्रशासनिक कर्तव्य” नहीं, बल्कि भविष्य में हजारों महिलाओं को शोषण और उत्पीड़न से बचाने की दिशा में बड़ा कदम है।

नीतिश कुमार की योजनाओं की तारीफ लेकिन चेतावनी भी रोहिणी ने अपने पोस्ट में मुख्यमंत्री नीतिश कुमार की महिला सशक्तिकरण योजनाओं जैसे महिलाओं को ₹10,000 की सहायता राशिस्कूल की लड़कियों को साइकिल का अप्रत्यक्ष रूप से स्वागत किया।

लेकिन उन्होंने साफ कहा कि “ये कदम अच्छे हैं, पर पर्याप्त नहीं। रोहिणी का कहना है कि बिहार में गहरे बैठे पितृसत्तात्मक सोच को बदलने के लिए बड़े सामाजिक और राजनीतिक बदलाव की जरूरत है।

रोहिणी का बयान क्यों महत्वपूर्ण?

वह आरजेडी प्रमुख की बेटी हैं उन्होंने पिता की जान बचाने के लिए किडनी दान दी परिवार से अलग होकर खुलकर सवाल उठा रही हैं महिलाओं के हक, सुरक्षा और सम्मान जैसे मुद्दों को केंद्र में ला रही हैं इस पूरी बहस ने बिहार की राजनीति और समाज दोनों में हलचल मचा दी है।

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