देश के भविष्य को लेकर आश्वस्त, हर कोई इसकी बेहतरी के लिए काम कर रहा है: भागवत
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देश के भविष्य को लेकर आश्वस्त, हर कोई इसकी बेहतरी के लिए काम कर रहा है: भागवत

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को झारखंड के गुमला में कहा कि वो देश के भविष्य को लेकर कभी चिंतित नहीं रहे, क्योंकि कई लोग इसकी बेहतरी के लिए मिलकर काम कर रहे हैं, जिसके परिणाम सामने आएंगे.


RSS Chief Mohan Bhagwat: लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी और आरएसएस के बीच उत्पन्न हुई दूरी अभी कितनी कम हुई या कितनी ज्यादा हुई, इसे लेकर कोई स्पष्टता नहीं है, लेकिन इस बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने झारखण्ड में दिए अपने एक संबोधन में कहा है कि देश को लेकर आश्वस्त हूँ, कई लोग इसके उज्जवल भविष्य के लिए मिलकर काम कर रहे हैं. अपने इस संबोधन में भागवत ने देश की अनेकता में एकता की खूबी का भी उल्लेख किया. साथ ही ये भी कहा कि इतनी विवधता के बावजूद हमारे देश में एक मन है, ये भारत के लोगों का अपना स्वाभाव है.


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को झारखंड के गुमला में कहा कि वो देश के भविष्य को लेकर कभी चिंतित नहीं रहे, क्योंकि कई लोग इसकी बेहतरी के लिए मिलकर काम कर रहे हैं, जिसके परिणाम सामने आएंगे.

भागवत यहां एक गैर-लाभकारी संगठन विकास भारती द्वारा आयोजित ग्राम स्तरीय कार्यकर्ता बैठक को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा, ‘‘देश के भविष्य को लेकर कोई संदेह नहीं है, अच्छी चीजें होनी चाहिए, सभी इसके लिए काम कर रहे हैं. हम भी प्रयास कर रहे हैं.’’

आरएसएस प्रमुख ने कहा कि भारत के लोगों का अपना स्वभाव है और कई लोग बिना किसी नाम या प्रसिद्धि की इच्छा के देश के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं.

अनेकता में एकता

मोहन भगवत ने कहा, "हमारे यहां पूजा की अलग-अलग शैलियां हैं, क्योंकि हमारे यहां 33 करोड़ देवी-देवता हैं और 3,800 से अधिक भाषाएं बोली जाती हैं. यहां तक कि खान-पान की आदतें भी भिन्न हैं. इतनी भिन्नता के बावजूद हमारा मन एक है और ये अन्य देशों में नहीं पाया जाता."

भागवत ने कहा कि आजकल तथाकथित प्रगतिशील लोग समाज को कुछ देने में विश्वास करते हैं, जो भारतीय संस्कृति में निहित है. उन्होंने कहा, "शास्त्रों में ऐसा कहीं नहीं लिखा है, लेकिन पीढ़ी दर पीढ़ी ये हमारे स्वभाव में शामिल हो गया है."

उन्होंने गांव के कार्यकर्ताओं से समाज के कल्याण के लिए अथक परिश्रम करने का भी आग्रह किया.




(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को फेडरल स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और एक सिंडिकेटेड फीड से स्वतः प्रकाशित किया गया है।)



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